Book Title: Acharangasutram Sutrakrutangsutram Cha
Author(s): Sagaranandsuri, Anandsagarsuri, Jambuvijay
Publisher: Motilal Banarasidas

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Page 664
________________ P. L. 218 30 218 36 219 219 219 219 220 220 220 221 221 221 221 222 222 222 222 से भिक्खू इत्यादि । स भिक्षुर 222 से भिक्खू वेत्यादि । स भिक्षुर्या 223 15 से भिक्खू इत्यादि । स भिक्षुः 223 30 सेभवेत्यादि भिक्षु 223 38 से भिक्खू वेत्यादि । स भिक्षु 224 3 से तमादायेत्यादि । सः भिक्षुः 224 224 224 225 225 225 226 226 227 227 227 228 228 228 228 Jain Education International 11 17 30 33 11 33 ग्रह पुरा इत्यादि । प्रथ पुनः से भिक्खु वेत्यादि । स भिक्षुभिक्षा से भिक्खू वेत्यादि । स भिक्षुर्य षहेत्यादि च पुन सेभिक्खू वेश्यादि । स भिक्षुः 15 23 30 41 अस्संजया इत्यादि । असंयतः से एग इत्यादि । स भिक्षुः 36 इह खलु इत्यादि रहेति 15 से भिक्खू इत्यादि स भिक्षु 22 से तत्येत्यादि । स भिक्षुः 32 से भिक्खू इत्यादि । स भिक्षु 34 केसीत्यादिवली . 5 से भम् इत्यादिभि से भिक्खू इत्यादि । स भिक्षुर्ग से मिलू इत्यादि सभ 16 भिक्खागेत्यादि । भिक्षरणशीला 29 39 17 37 41 16 से भिक्खू देत्यादि । स भिक्षुभि 24 से भिक्खू वेत्यादि । स भिक्षु 7 से भिक्खू वेत्यादि । स भिक्षुभि 16 से भिक्खु वेत्यादि । स भिक्षुभि 20 सेभवेत्यादि भिक्षुभि 13 यह सत्येत्यादि प्रथ भिक्षु 21 महेत्यादि प्रवासी 30 32 से तत्थेत्यादि । सः भिक्षुः से भिक्खू वेत्यादि । स भिक्षुगृ से भिक्खू वेत्यादि । स भिक्षुभि से भिक्खू इत्यादि भिक्षुभि से भिइत्यादि समिि अहेत्यादि । अथ पुनमहेत्यादि । श्रथ पुन ( 301 ) P. 228 229 229 229 230 230 230 231 231 231 231 232 232 232 232 233 233 233 233 233 233 234 235 235 235 235 235 236 236 236 236 236 237 237 237 238 For Private & Personal Use Only L. 38 5 14 31 9 26 35 8 13 23 35 16 28 29 36 1 13 18 21 24 34 14 3 9 13 20 30 1 4 16 18 से भिक्खू वेत्यादि । स भिक्षुभि से भिक्खु वेत्यादि । स भिक्षुर्य से भिक्खूवेत्यादि । स भिक्षु से भिक्खू वेत्यादि । स भिक्षुभि से भिक्खूवेत्यादि सम से भिक्खु वेत्यादि । स भिक्षुर्गृ से भिक्खू वेत्यादि । स भिक्षुर्गृ से भिक्खु वेत्यादि । स भिक्षु - से भिक्खू वेत्यादि । स भिक्षुगृ से भिक्खूवेत्यादि । स भिक्षुर्गृ से भिक्खू वेत्यादि । स भिक्षुर्य से भिक्खूवेत्यादि । धातारे से भिनन् बेत्यादि गुग से भिक्खू वेत्यादि । पिप्पली से भिक्खू वेत्यादि । स भिक्षुर्य से मिक् वेत्यादि । उमेर ति से भिक्खु वेत्यादि । स भिक्षुर्य से भिक्खू वेस्यादि सभ से भिक्खू वेत्यादि । श्रच्छियंति से इत्यादि । करणम् इति इहेत्यादि । इहेति येत्यादि । स भिक्षु से इत्यादि । स पुनः से इत्यादि स भिक्षु से इत्यादि । एवं से इत्यादि । स भिक्षुर्ब से इत्यादि । स पुनर्य से इत्यादि । स भिक्षुः से इत्यादि । स भिक्षुः से इत्यादि । सुगमं से इत्यादि सभ 30 3 से इत्यादि । स भिक्षुर्गृ 19 भिक्खागेत्यादि । भिक्षामन्ति 34 भिक्खागेत्यादि । भिक्षादा: 20 अहेत्यादि । अथशब्दो से भिक्खु इत्यादि । स भिक्षुर्य www.jainelibrary.org

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