Book Title: Acharangasutram Sutrakrutangsutram Cha
Author(s): Sagaranandsuri, Anandsagarsuri, Jambuvijay
Publisher: Motilal Banarasidas
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(300) L.
P. . L. 12 णासेवइ इत्यादि । नासेवते
209 22 अवि साहिए इत्यादि । मासद्वयमपि __ 15 मायन्ने इत्यादि । आहारस्य
209 24 छ?ण इत्यादि । षष्ठेनेकदा 25 अप्पं इत्यादि । अल्पशब्दो
209 27 गच्चाण इत्यादि । ज्ञात्वा 27 सिसिरं इत्यादि । अध्वप्रति
209 36 गाम इत्यादि । ग्राम 28 एस विधी इत्यादि । एष चर्या
210 1 अदुवा इत्यादि । अथ 4 चरियासणाई० इत्यादि । चर्या
210 3 अदु माहणं इत्यादि । अथ ब्राह्मणं 8 आवेसणसभा० इत्यादि । प्रा सम
210 16 अवि सूइयं इत्यादि । सूइयं त्ति आगंतारेत्यादि । प्रसङ्गायाता
210 20 अवि झाइ इत्यादि । तस्मिस्तएएहिं मुणीत्यादि । एतेषु
210 24 अकसाई इत्यादि । न कषा23 निबं इत्यादि । निद्राम
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सयमेव इत्यादि । स्वयमेव 26 संबुझमाणे इत्यादि । स मुनि
210 34 एस विही इत्यादि । एषः 28 सयणेहिं इत्यादि । शय्यते
212 22 दब्बोगाहण इत्यादि । तत्र अदु इत्यादि । अथ
213 6 उवयारेणमित्यादि । उपकाराइहलोइयाइं इत्यादि । तथा अहियासए 213 ll थेरेहीत्यादि । स्थविरैः इत्यादि । इहलोके
213 20 बिइयस्सेत्यादि चतस्रो गाथाः । ब्रह्म8 किं च सयरोहिं इत्यादि । स भग
213 38 अव्वोगडो इत्यादि । अव्याकृतः 13 अयमंतरंसि इत्यादि । अयमन्तः
214 3 एगविहो इत्यादि, पंचय इत्यादि । अविरति26 जंसि प्पेगे । यस्मिन्
214 8 पाइक्खि उमित्यादि । संयमः 30 संघाडीमो इत्यादि । इह
214 11 तेसि इत्यादि । तेषां च 35 तंसि इत्यादि । तस्मिन्
214 15 जावोग्गहेत्यादि । पिण्डैषणा11 तणफास इत्यादि । तृणानां
214 31 से भिक्खू वा भिक्खुणी वेत्यादि । से इति 13 अह दुच्चर इत्यादि । अथ
215 5 अहे आरामंसि व त्ति । अथारामे 16 लाहिं इत्यादि । लाढा नाम
215 18 अहे झामथंडिलंसि व त्ति । अथ 21 अप्पे इत्यादि । अल्पः
215 32 से भिक्खू वेत्यादि । स भाव31 इलिक्खए इत्यादि । ईक्षः
216 8 से भिवस्व वेत्यादि । स भाव33 एवं पि इत्यादि । एवमपि
216 12 से भिक्खू वेत्यादि । पूर्ववत् 36 णिहाय इत्यादि । प्रारिणषु
216 20 से भिक्खू वा इत्यादि । सभिक्षु38 पाए इत्यादि । नागो
216 29 से भिक्खू वेत्यादि । स भिक्षु9 उवसंकमंत(त) इत्यादि । उपसङ्क्रामन्तं
216 32 से भिक्खू वेत्यादि । सभिक्षुामाll हयपुव्वे इत्यादि । तत्र
38 से भिक्खू वेत्यादि । सभिक्षु13 मंसूणि इत्यादि। मांसानि
2175 से भिक्ख इत्यादि । स भिक्ष14 उच्चालइन इत्यादि । भगवन्त
217 21 से भिक्खू इत्यादि । स भाव20 सूरो इत्यादि । यथा हि
217 31 से भिक्खू वेत्यादि । स भिक्षर्य27 प्रोमोयरियं इत्यादि । अपि
217 34 अहेत्यादि । अथ शब्दः 2 संसोहणं च इत्यादि । गात्रस्य
218 __1 से भिक्खू वेत्यादि । सभिक्षुर्या5 विरए इत्यादि । विरतो
218 8 एयमित्यादि । एतदिति 8 पायावई(इ-प्र०)य इत्यादि । सुब्व्यत्य
218 23 से भिक्खू वा भिक्खुणी वा इत्यादि। स भाव18 एतारिण तिणि इत्यादि । एतानि
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भिक्षु
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