Book Title: Acharangasutram Sutrakrutangsutram Cha
Author(s): Sagaranandsuri, Anandsagarsuri, Jambuvijay
Publisher: Motilal Banarasidas

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Page 656
________________ 106 109 22 100 293 P. L. P. 29 आययचक्खू । आयतं 106 22 से मइममित्यादि । स __25 से यमित्यादि । सेत्ति 107 5 से तं संबुज्झमाणे इत्यादि । यस्या 107 18 सिया तत्थेत्यादि । स्यात्तत्र 107 95 18 जे ममाइयमित्यादि । ममायितं 108 32 णारईमि(इं इ-प्र०)त्याद्यनुष्टुप् । तस्य हि 109 1 सद्दे इत्यादि । यस्मा16 पंतं इत्यादि । प्रान्तं 109 28 दुव्वसु इत्यादि । वसु 110 10 जं दुक्खमित्यादि । यद् दुःखं 111 36 अवि य इत्यादि । अपि 111 5 से जं च इत्यादि । स कुशलो 112 18 उद्देसो इत्यादि । उद्दिश्यते 113 35 पढमे इत्यादि, उद्देसम्मि इत्यादि । प्रथमो 113 4 नाम ठवणा इत्यादि । सुगमा 113 7 दव्वे इत्यादि । ज्ञशरीर 114 100 15 सीयमित्यादि । शीत 114 100 24 इत्थी इत्यादि गाथा । स्त्रीपरिषहः 115 100 27 जे इत्यादि गाथा। तीव्रो 116 33 धम्मम्मि जो इत्यादि । धर्मे 116 100 37 सीईभूमो इत्यादि गाथा । उप 117 100 42 अभय इत्यादि गाथा । अभय4 निव्वाणसुहमित्यादि गाथा । सुखं 117 101 __10 डज्झइ इत्यादि गाथा । दह्यते 18 सीउण्हमित्यादि गाथा । शीतं 23 सीयाणि य इत्यादि गाथा । शीतानि 118 101 28 सुत्ता इत्यादि सूत्रम् । अस्य 36 सुत्ता इत्यादि । सुप्ता 102 7 जह सुत्त इत्यादि । सुप्तो 118 102 11 एसेव य इत्यादि गाथा । एष 118 102 23 लोयंसि जाण इत्यादि । लोके 103 7 से आयतमित्यादि । यो हि 119 103 28 सीउसिणमित्यादि । सबाह्या 120 104 ll पासिय इत्यादि । स हि 120 105 41 कम्म इत्यादि । कर्मणो 106 1 जाइंच इत्यादि वृत्तं । जातिः 120 L. 31 उम्मच इत्यादि । इह 39 अवि से इत्यादि श्लोकः । ह्रीभया 8 तम्हा इत्यादि वृत्तं । यस्मा29 एस इत्यादि । एष 38 बहुं च इत्यादि । मूलोत्तर 36 सच्चे इत्यादि । सदुद्भ्यो 3 प्रणेगचित्ते इत्यादि । अनेकानि 16 आसे वित्ता इत्यादि । एतम् 36 कोहादीत्यादि वृत्तम् । क्रोध 17 संधि लोयस्स जाणित्ता। तत्र 5 समयमित्यादि । समभावः 33 अवरेण इत्यादि । रूपक का परई के आणंदे । इष्टा8 जं जाणिज्जा इत्यादि । ये 21 दुहनो इत्यादि । द्विधा 31 सहिए इत्यादि । सहितो 7 से वंता इत्यादि । स 35 जे एगं जाणइ इत्यादि । यः 6 सव्वो इत्यादि । सर्वतः 7 एगं विगिंचमाणे इत्यादि । एकम् 32 जे कोहदंसीत्यादि। यो हि 14 पढमे इत्यादि गाहा, उद्देसम्मि० गाहा । प्रथमो22 नाम गाहा । अक्षरार्थः 24 अह दव्व० गाहा । अथे35 तिविहं० गाहा । त्रिविधं 15 कुणमाणो • गाहा । कुर्वन्नपि 18 " 22 तम्हा० गाहा । यस्मा28 सम्मत्तुप्पत्ति० गाहा । सम्यक्त्व 4 आहार० गाहा । आहारश्च 16 से बेमीत्यादि सूत्रं । गौतम 8 जे जिणवर(रा). गाहा, छप्पि य जीवनि27 काये० गाहा । गाथा तं प्राइत्तु न निहे इत्यादि । तत् तत्त्वार्थ37 जस्स नत्थि इत्यादि । यस्य 100 101 117 101 101 । 161 119 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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