Book Title: Vishsthanak Tap Vidhi
Author(s): Punyavijay
Publisher: Bhuvan Bhadrankar Sahitya Prachar Kendra
View full book text
________________
१४ श्री प्रशान्तहृदयाय श्रीमदाचायोय नमः १५ , क्षमागुणधराय श्रीमदाचार्याय नमः १६ , मार्दवगुणधराय श्रीमदाचार्याय नमः १७ , आर्जवगुणधराय श्रीमदाचार्याय नमः १८ , निर्लोभितागुणधराय श्रीमदाचार्याय नमः १९ , तपोगुणयुक्ताय श्रीमदाचार्याय नमः २० , संयमगुणयुक्ताय श्रीमदाचार्याय नमः २१ , सत्यधर्मयुक्ताय श्रीमदाचार्यांय नमः २२ , शौचगुणयुक्ताय श्रीमदाचार्यांय नमः २३ , आकिंचन्यगुणयुक्ताय श्रीमदाचार्याय नमः
,, ब्रह्मचर्यगुणयुक्ताय श्रीमदाचार्याय नमः २५ , अनित्यभावनाभाविताय श्रीमदाचार्याय नमः
,, अशरणभावनाभाविताय श्रीमदाचार्याय नमः
,, संसारभावनाभाविताय श्रीमदाचार्यांय नमः २८ ,, ओकत्वभावनाभाविताय श्रीमदाचार्याय नमः २९ ,, अन्यत्वभावनाभाविताय श्रीमदाचार्याय नमः ३० , अशुचिभावनाभाविताय श्रीमदाचार्यांय नमः
,, आश्रवभावनाभाविताय श्रीमदाचार्याय नमः
,, संवरभावनाभाविताय श्रीमदाचार्याय नमः ३३ , निर्जराभावनाभाविताय श्रीमदाचार्याय नमः ३४ ,, लोकस्वभावभावनाभाविताय श्रीमदाचार्याय नमाः
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org
Page Navigation
1 ... 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102