Book Title: Vishsthanak Tap Vidhi
Author(s): Punyavijay
Publisher: Bhuvan Bhadrankar Sahitya Prachar Kendra
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अशुध्द :
- शुध्द : पेज : लाइन: प्रातेभ्यो
प्राप्तेभ्यो अर्वत :
सर्वत : २७ ७ प्रायश्रित
प्रायश्चित असेवानरुप
असेवावनरुप लायन
कायेन कायिक
कायिकी [शेष २४ पदमें की कर देना. ] प्रभाम
प्रभास ३६ जिनेश्चराय
जिनेश्वराय ३७ [शेष वीश पदमें ऐसा कर देना] विरमणव्रतधराय
विरताय ३९ श्रतज्ञानाय
श्रुतज्ञानाय ४१ १६ [ शेष सब पदमें श्रुत कर देना ] अनुष्य
___ मनुष्ये ४३ ससामश्रत
समासश्रुत सदयमोज
सदयमनोज्ञ विश्रसनीय
विश्वसनीय नागंवर्त
नागतवर्त धर्माचय॑स्य
धर्माचार्यस्य शसननी
शासननी दमने जाव विणयस्य
विणयस्स
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पद्मने
जाण
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