Book Title: Vishsthanak Tap Vidhi
Author(s): Punyavijay
Publisher: Bhuvan Bhadrankar Sahitya Prachar Kendra

View full book text
Previous | Next

Page 18
________________ (१२) ७ श्री उपासकदशांगश्रुतपाठक श्रीउपाध्यायेभ्यो नमः ८ अंतगडदशांगश्रुतपाठक श्रीउपाध्यायेभ्यो नमः ९ अनुत्तरोववाईअंगभुतपाठक श्रीउपाध्यायेभ्यो नमः १० प्रश्नव्याकरणॉगश्रुतपाठक श्रीउपाध्यायेभ्यो नमः ११,, विपाकांगश्रुतपाठक श्री उपाध्यायेभ्यो नमः १२,, उबबाइउपांग श्रुतपाठक श्री उपाध्यायेभ्यो नमः १३, रायपसेणिउपांगश्रुतपाठक श्री उपाध्यायेभ्यो नमः १४, जीवाभिगमउपांग श्रतपाठक श्री उपाध्यायेभ्यो नमः १५,, पत्रवणाउपांग श्रुतपाठक श्री उपाध्यायेभ्यो नमः १६,, जंबूद्वीपपन्नत्तिउपांग श्रतपाठक श्री उपाध्यायेभ्यो नमः १७ चन्दप प्रतिउपोगश्रुतपाठक श्री उपाध्यायेभ्यो नमः १८, सूरपन्नत्तिउपांगश्रुतपाठक श्री उपाध्यायेभ्यो नमः १९, निरयावलीउपांग श्रतपाठक श्री उपाध्यायेभ्यो नमः २०,, कपिउपांगवतपाठक श्री उपाध्यायेभ्यो नमः २१, पुष्किआउपांग श्रतपाठक श्रीउपाध्यायेभ्यो नमः २२,, पुष्कचूलिआउपांगनपाठक श्रीउपाध्यायेभ्यो नमः २३,, वन्हिदशा उपांग श्रुतपाठक श्रीउपाध्यायेभ्यो नमः २४,, द्वादशांगीश्रुतपाठक श्रीउपाध्यायेभ्यो नमः २५,, द्वादशांगी श्रुतार्थ अध्यापक श्रीउपाध्यायेभ्यो नमः 11 आ पदनु ध्यान नीलवर्णं बड़े करवु आ पदना आराधनथी श्री महेंद्रपाल तीर्थङ्कर थया छं. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102