Book Title: Vishsthanak Tap Vidhi
Author(s): Punyavijay
Publisher: Bhuvan Bhadrankar Sahitya Prachar Kendra

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Page 47
________________ १३ श्री रायवसेणीउपांगसूत्र श्रुतज्ञानाय नमः जीवाभिगमउपांगसूत्र श्रुतज्ञानाय नमः १४ " श्रुतज्ञानाय नमः १५ ” पनवणाउपांगसूत्र १६ " १७, १८ " १९ 13 11 11 २० पुष्कियाउपांगसूत्र श्रुतज्ञानाय नमः २१ पुष्कचू लिया उपांगसूत्र श्रुतज्ञानाय नमः कप्पिया उपांगसूत्र श्रुतज्ञानाय नमः २३, वह्निदसाउपांगसूत्र श्रुतज्ञानाय नमः २२ " २४ चउसरणपयन्नासूत्र श्रुतज्ञानाय नमः २५,” आउरपञ्चक्खाणपयन्नासूत्र श्रुतज्ञानाय नमः २६ महापञ्चक्खाणपयन्नासूत्र श्रुतज्ञानाय नमः भत्तपरिज्ञापयन्नासूत्र श्रुतज्ञानाय नमः तंदुलवियालिपयन्नासूत्र श्रुतज्ञानाय नमः चंदाविजयपयन्नासूत्र श्रुतज्ञानाय नमः 11 11 २७,” २८ २९ 33 11 (४१) जंबुद्दीवपन्नत्तिउपांगसूत्र श्रुतज्ञानाय नमः चंदपन्नत्तिउपांगसूत्र श्रुतज्ञानाय नमः 13 सूरपन्नत्तिउपांगसूत्र श्रुतज्ञानाय नमः निरियावलिउपांगसूत्र श्रुतज्ञानाय नमः ३० गणिविज्जापपन्नासूत्र श्रुतज्ञानाय नमः ३१, मरणसमाहिपयन्नासूत्र श्रुतज्ञानाय नमः ३२," संवारापनासूत्र श्रुतज्ञानाय नयः ३३ देवेन्द्रस्तवपयन्नासूत्र श्रुतज्ञानाय नमः Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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