Book Title: Vishsthanak Tap Vidhi
Author(s): Punyavijay
Publisher: Bhuvan Bhadrankar Sahitya Prachar Kendra

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Page 45
________________ (३९) * सर्वतः मैथुनविरताय श्रीसंयमधराय नमः ५ सर्वतः परिग्रहविरताय श्रीसंयमधराय नमः ६ सर्वतः रात्रिभोजन विरमणव्रतधराय श्रीसंयमधराय नमः ७ इरियासमितियुक्ताय श्रीसंयमधराय नमः ८ भाषासमितियुक्ताय श्रीसंयमधराय नमः ९ ओषणासमितियुक्ताय श्रीसंयमधराय नमः • आदान भंडाम त्तनिक्खेवणासमितियुक्ताय श्रीसंयमधराय नमः १ पारिष्ठापनिकासमितियुक्ताय श्रीसंयमधराय नमः २ मनोगुप्तियुक्ताय श्रीसंयमधराय नमः ३ वचनगुप्तियुक्ताय श्री संयमधराय नमः ४ कायगुप्तियुक्ताय श्रीसंयमधराय नमः ५ मनोदंडरहिताय श्रीसंयमधराय नमः ६ बचन दंडरहिताय श्रीसंयमधराय नमः ७ कायदंडरहिताय श्रीसंयमधराय नमः आ पदनुं आराधन करवाथी पुरंदर राजा तीर्थकर थया छे. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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