Book Title: Vishsthanak Tap Vidhi
Author(s): Punyavijay
Publisher: Bhuvan Bhadrankar Sahitya Prachar Kendra

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Page 44
________________ (३८) १४ श्री भुजगा जनश्चराय नमः १५ , ईश्वरजिनेश्वराय नमः १६ , नेमिप्रभजिनेश्रराय नमः १७ , वीरसेनजिनेश्रराय नमः १८ , महामजिनेश्रराय नमः १९ , देवयशाजिनेचराय नमः २० , अजितवीर्यजिनेशराय नमः आ पदना आराधनथी जोमूतकेतु राजा तीर्थकर पद पामेल छ अथ सप्तदश संयमपद आराधन विधि. शुद्धातम गुणमें रमे, तजी इन्द्रिय आशंस, थिर समाधि संतोषमा, जय जय संयम वंश। ___ आ पदनी २० नवकारवाली ॐ नमः श्रीसंयमस्स अ पदवडे गणवी, आ पदना आराधननो काउस्सग्ग १७ लोगस्सनो करवो. आ पदना खमासमण १७ नीचे प्रमाणे बोलीने आपवा. १ सर्वतः प्राणातिपातविरताय श्रीसंयमधराय नमः २ सर्वतो मृषावादविरताय श्रीसंयमधराय नमः ३ सर्वतः अदत्तादानविरताय श्रीसंपमधराय नमः Jain Education International For Private & Personal Use Only ___www.jainelibrary.org

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