Book Title: Vishsthanak Tap Vidhi
Author(s): Punyavijay
Publisher: Bhuvan Bhadrankar Sahitya Prachar Kendra

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Page 39
________________ अथ अयादश क्रियापद आराधन विधि आत्मबोध विशु जे क्रिया, ते तो बालक चाल. तत्त्वारथथी धारी नमो क्रिया सुविशाल. ___ आ पदनी नवकारवाली २० ॐ नमो किरियाणं मे पदद हे गणवी. आ पदना आराधन माटे काउस्सग्ग २५ लोगस्सनो करवो. खमासमण २५ नीचे प्रमाणेना शब्दो बोलीने आपकां. १ अशुद्ध कायिकक्रियाप्रवर्तनरहिताय श्रीक्रियागुणवते नमः २ आधिकरणकक्रियाप्रवतनरहिताय श्रीक्रियागुणवते नमः ३ पारितानिकक्रियाप्रवर्तनरहिताय श्रीक्रियागुणवते नमः ४ प्राणातिपातिकक्रियाप्रवर्तनरहिताय श्रीक्रियागुणवते नमः ६ आरंभिकक्रियाप्रवर्तनरहिताय श्रीक्रियागुणवते नमः ६ पारिग्रहिकक्रियाप्रवर्तनरहिताय श्रीक्रियागुणवते नमः ७ मायाप्रत्यायिकक्रियाप्रवर्तनरहिताय श्रीक्रियागुणवते नमः ८ मिथ्यादर्शनप्रत्ययिकक्रियाप्रवर्तनरहिताय श्रीक्रियागुणवते नमः ९ अप्रप्याख्यानक्रियाप्रवर्तनरहिताय श्रीक्रियागुणवते नमः १० दृष्टिजीक्रियाप्रवर्तनरहिताय श्रीक्रियागुणवते नमः Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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