Book Title: Tattvarthadhigam Sutraam Tasyopari Subodhika Tikat tatha Hindi Vivechanamrut Part 01 02
Author(s): Vijaysushilsuri
Publisher: Sushil Sahitya Prakashan Samiti
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११४ ] प्रथमोऽध्यायः
[ १५ * तत्त्वों में हेय, ज्ञेय और उपादेय * श्री नवतत्त्व प्रकरण ग्रन्थ में नवतत्त्वों के नामों का निर्देश इस प्रकार है
जीवाऽजीवा पुण्णं, पावाऽऽसंवरो य निज्जरणा।
बन्धो मुक्खो य तहा, नवतत्ता हुंति नायव्वा ॥१॥ अर्थ-जीव, अजीव, पुण्य, पाप, प्रास्रव, संवर और निर्जरा तथा बन्ध और मोक्ष; ये नवतत्त्व जानने योग्य हैं।
__ - * यन्त्र *
संख्या
नौ तत्त्वों के नाम | हेय ज्ञेय | उपादेय | जीव | अजीव | रूपी | अरूपी
जीवतत्त्व
अजीवतत्त्व
पुण्यतत्त्व
पापतत्त्व
प्रास्रवतत्त्व
संवरतत्त्व
निर्जरातत्त्व
बन्धतत्त्व
मोक्षतत्त्व