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लोक रे मायने ॥ चौंसठ इन्द्र करे रे बधावना || आज हस्तिनापुर में रत्नां रो सूरज ऊगियो, ऊगो माता अचलदेवजी रो कुल में तीर्थंकर, रंग रो बधाओ माहरे विश्वसेनजी रो आवियो, कीर्ति तो पसरी तीन लोक रे मांयने, चौंसठ इन्द्र करे रे बधावना ||२|| आज सोरियापुर में रत्नां रो सूरज ऊगियो, ऊगों माता सेवादेवीजी रो कुल में तीर्थकर, रंग रो बधाओ माहरे समुद्र विजयजी रो आवियो, कीर्ति तो पसरी तीन लोक रे मांयने, चौंसठ इन्द्रकरे रे बधावना || ३ || आज बनारस में रत्नां रो सूरज ऊगियो, ऊगो माता वामदेवीजी रो कुल में तीर्थंकर, रंग रो बधावों माहरे अश्वसेनजी रो आवियो, कीर्ति तो पसरी तीन लोक रे मायने, चौंसठ इन्द्र करे रे बधावना ॥४॥ आज कुण्डलपुर में रत्नां रो सूरज ऊगियो, ऊगो माता त्रिशालदेवीजी रो कुल में तीर्थंकर, रंग रो बधाओ माहरे सिद्धार्थजी रो आवियो, कीर्ति तो पसरी तीन लोक रे मायने चौंसठ इन्द्र करे रे बधावना || ५ || ॥ कलेवो ॥
( तर्ज - उठो माहरा बालक बनड़ा, करोनी कलेवो) उठो माहरा नेमीश्वर बनड़ा, करोनी दांतनियां इसड़ा दांतनियां थारा, भावज करावे
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