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॥ होली का गीत ॥
___ (तर्ज-धूसो बाजे रे) होली खेलो रे-बाल सब मिलकरके ॥टेर॥ गाल न बोलो, कीच न ढोलो।
मिल करके मण्डल खोलो। हो ॥१॥ पत्र पढो अरु खबर सुनाओ।
शुभ गीतों को मिल गाओ । हो ॥२॥ सत पुरुषों को संगती कीजे ।
व्यसन त्याग सुयश लोजे । हो ॥३|| नाच बजाय प्रभु गुण गावो ।
वसंत ऋतु को लो लावो । हो ॥४॥ बाल करें गुरु ज्ञान की भक्ति ।
बदनकांत यह शुभ युक्ति । हो ।५।।
॥ गंदा गीत ॥
(तर्ज-धूंसो बाजे रे ) मती गावो रे गीत फाटा कोई, मती गावो रे ॥टेर। फाटा-फाटा गीत रूलियारों ने भावे, . दूजां ने नहीं दाय आवे । मती गावो रे ॥१॥ फाटा गायाँ दूनी आफत,
राज अपडले ने डंडे ॥२॥
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