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जी ने साथ लाया, दान दिरावसी । वीराजी ने साथ लाया, होसी मंगल कारजी ॥२॥ रातारा मत जीमो जान्या, शोभा नहीं आपकी। दिनरा तो जीमो, शोभा होसी आपकी ॥३॥ तोरण की रीत चालो नेमिनाथ भगवान थी। अभयदान तो देवो ब्याई, जीव दया है मोट की ॥४॥ अभयदान तोरण पर देवो, रक्षा करो पशु पक्षी की, पशु पक्षी रक्षा करने, नाम बढाओ महावीर की ॥
॥ जान का स्वागत ।। (तजं - - सज्जन आया मारे आंगण)
सज्जन आया मारे आंगणे, बहुत दिनासु वाट जोवता रे। कद आसी सज्जन जान, सज्जन मारे आज आनन्द बधावना रे ॥१॥ सज्जन आया मारे आंगणे रे, ऊँचा तो पाट बिठाय ॥२॥ वस्त्र माला पेराव सां रे, कुंकुरा तिलक लिलाड ।। ३॥ रतन सरीखी कन्या देवसां रे, कन्या घणी सुखमाल ॥४। मैं जान्या जिम जानजो रे, कन्या ने सोरी राखजो, मारी छे प्राण आधार ॥५॥ आपरे खोलां में देवसां रे, राखजो प्राण समान ॥६॥
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