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।। बनडारा बधामणा ॥ (बींद तोरण पर आवे जद बोलने का गीत)
(तर्ज--जिनमन का डंका आलम में बजवा दिया)
देखण ने चालो मिल करके, तोरण पे बनडो आयो है, तोरण पै बनडो आयो है, साथिडो ने संग लायो है । १।। आ अबलक घोडी नीचे है, जिण रे पग नेवर बाजे हैं । बनडा री शोभा छाजे है । तोरण।।२॥ संग ढोल नगारा लाया है, सखिया ने मंगल गाया है। देखत मन हर्ष सवाया है ।तोरण।।२॥ वेवाईजी री हुशियारी है, जान बनाई हद भारी, स्वागत री करलो तैयारी ॥ तोरण॥३॥ ओ बनडो मनमें मलके है, तुरों सिर ऊपर झिलके है । कांई नूर लिलाडे पलके है ॥४॥ चुपके छिपके उठ धाई है, चढ़ बनी गोखडे आई है बनडे पर आख जमाई है ॥तोरण।।५।। श्रीनाथ ने धीरज धारी है. बनडी भी गई निहारी है। अब पूंखण की तैयारी है ॥६॥
॥ जानियां का गीत ॥ (तर्ज--काणा कोड्या जानियां लाया देड) शाना दाना जानी लाया, शोभा घणी जानकी पिताजी ने साथे लाया, सत्य जयकार की ॥१।। काका
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