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॥ माहेरा रो गीत ॥ (तर्ज - बरसो मारा काला बादल बरसो ।) बरसो पिताजी रा भईसा आवेला थांरी जी ।। खोलो तिजोरिया ने पेटियाँ काढो रुपैयाजी ।। पंचां में तिलक कढाओ चुन्दडी ओढावजोजी ।। देवो मन्ने सोना ने चाँदी, हीरा ने पन्नाजी।। मोती माणक ने पन्ना, गेहणा ने कापड़ा जी ।। सासु सुसराजी ने देयजो, देवर जेठाणियाँ ने जी ।। ननंद ननदोई ने दीजो, श्री संघ साधर्मो ने जी ।। देवो मोरा ने रूपिया, जल ज्यूं बरसजोजी ।। एक मालारा जाया, अन्तर मत राखजोजी ।। दुनिया में सुजस लेयजोजी, दान खूब देयजोजी ।। धन्य थांनी माता जाया पुत्र गुणवंता जी ।। बरसो मारा काला बादल बरसो सवैयाजी ।।
॥ नकाशी का गीत ॥ त ----केसरियो लुल-लुल सामो जोवे ।) बनडा ने मामाजी कोजलियो पेरावे, शद्ध तो खादी रा कपड़ा पेरावे ।। केसरिया पेचो माथे बंधावे, कसुम्बल जामो तन पर पेरावे ॥ बनडा रे बाबासा मोड़ बंधावे, पेले मुकुट अब मोड जी जानो ॥ बनडा
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