Book Title: Swadhyay 1998 Vol 35 Ank 01 02
Author(s): Rajendra I Nanavati
Publisher: Prachyavidya Mandir Maharaja Sayajirao Vishvavidyalay
View full book text ________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
४०
२.
३.
४.
५
www.kobatirth.org
=
સંદર્ભગ્રંથ સૂચિ:
काव्यानुशासन
हेमचन्द्र, सं. महामहोपाध्याय पं. शिवदत्त शर्मा, काशीनाथ पाण्डुरंग परब, प्रका. निर्णयसागर प्रेस, द्वितीय संस्करण, सन् १९३४ ।
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
:
रो. प्रेम प्रभापति
ध्वन्यालोक : आनंदवर्धन, व्या० आचार्य विश्वेश्वर प्रका० गौतम बुक डीपो, नई सडक, दिल्ही, प्रथम संस्करण, अगस्त १९५२ ।
काव्यप्रकाश मम्मट, व्या० झलकीकर वामनभट्ट, प्रका० निर्णयसागर प्रेस, बम्बई, द्वितीय संस्करण, १९०१ ।
साहित्यदर्पण विश्वनाथ, व्या० डॉ० सत्यव्रतसिंह, प्रका० चौलम्बा विद्याभवन, वाराणसी, तृतीय संस्करण, वि०सं० २०२६ ।
For Private and Personal Use Only
अलंकारमहोदधि : नरेन्द्रप्रभसूरि, संपा० लालचन्द्रभगवानदास गान्धी जैन पंडित, प्रका० गायकवाड ओरियण्टल सीरीज बडौदा, १९४२ ।
Loading... Page Navigation 1 ... 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131