Book Title: Shighra Bodh Part 01 To 05
Author(s): Gyansundar
Publisher: Sukhsagar Gyan Pracharak Sabha

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Page 16
________________ daisieroecooooooooooooooooooooooooooooo pornsooooooooooooooooooooo श्रीमद् भगवतीजी सूत्र कि वाचना। पूज्यपाद प्रातःस्मरणिय मुनिश्री शामसुन्दरजी महारा.. साहिब कि अनुग्रह पाते हमारे लोहावट जैसे प्राममें भी बीमद् भगवतीबीसूत्र कि वाचना संवत् १९७९ का चैत्र पर है. इसे प्रारंभ हुइयी बिल्के दरम्यान हमे बहुत काम हुवा है। से भी भगवतीजीसूत्रका आचोपान्त श्रवण कर मानपूजाका करना मिस्केद्रव्यसे। ... . १ ५००० श्री द्रव्यानुयोग द्वितीय प्रवेशिका। ५०.. श्री शीघ्रबोध भाग १-२-३-४-५वा हजार जार प्रती १ एकही जिस्दमें बधाइगह है जिस्मे तीसरा भाग। शा. हजारीमलजी कुंवरलाली पारस कि तसे। १००० श्री भावप्रकरण शा. जमनालालजी इन्द्रचन्दबी - पारख कितफसे। १ १००० श्री स्तवन संग्रह भाग था शा आइदांनजी अगर ९ चन्दजी पारख कि तर्फले। इनके सिवाय शानध्यान कंठस्थ करना तथा श्री सुखसामर ज्ञानप्रचारक सभा और श्री जैन नवयुवक मित्रमंडल है कि स्थापना होनेसे अच्छा उपकार हुवा है। अधिक हर्ष इस वातका है कि जीत उत्साहा से भी भगवतीजी सूत्र प्रारंभ हुवाथा उनसे ही चढते उत्साहासे मी १ १. ज्ञानपंचमिको पूना प्रभावना वरघोडाके साथ निविनतासे समाप्त हुवा है हम इस सुअवसर कि वारवार अनुमोदन करते है अन्य सज्जनौंकों भी अनुमोदन कर अपना जन्म पवित्र करना चाहिये किमधिकम् । भवदीय।.. जमनालाल बोथरा राजमवाला, मेम्बर श्री जैन नवयुवक मित्रमंडल लोहावट-मारवाड..... 80000oooooo5000000000ooo

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