Book Title: Sanskrit Prakrit Jain Vyakaran aur Kosh ki Parampara
Author(s): Chandanmalmuni, Nathmalmuni, Others
Publisher: Kalugani Janma Shatabdi Samaroha Samiti Chapar
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नुक्रम
लेखक एवं विषय
બાવા શ્રી લાલૂમળી વ્યક્તિત્વ [વ તિવ
युगप्रधान आचार्य श्री तुलसी
तेरापथ के नवम शास्ता, अणुव्रत-अनुशास्ता २. संस्कृत के जन वैयाकरण एक मूल्याकन
डॉ० गोकुलचन्द्र जैन एम० ए० (सस्कृत, प्राकृत), साहित्याचार्य, शास्त्राचार्य, पी-एच० डी० प्राच्य विद्या सकाय,
હિન્દુ વિશ્વ વિદ્યાય, વારાણસી ३ आचार्य हेमचन्द्र और पाणिनि
स्व० डॉ० नेमिचन्द्र शास्त्री
ज्योतिषाचार्य, पी-एच० डी०, डी-लिट् संस्कृत-व्याकरणो पर जैनाचार्यों की टीकाए एक अध्ययन
डॉ० जानकीप्रसाद द्विवेदी विद्यावारिधि (पी-एच० डी०), वाचस्पति, (डी-लिट्) अनुसंधान सहायक, सम्पूर्णानन्द सस्कृत विश्वविद्यालय,
वाराणसी ५ भिक्षुशब्दानुशासन एक परिशीलन
- मुनि श्रीचन्द्र 'कमल' ६ दो प्रक्रिया-ग्रन्थ
मुनि 'दिनकर'
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