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को दीक्षा देते हो, सो किस शास्त्रानुसार ?
१२. कलाल, छींबा भरवाड, कुंभार वगैरह के घरका खाते हो, सो किस शास्त्रानुसार ?
सम्यक्त्वशल्योद्धार
१३. शय्यातर के घरका आहार पानी जाते आते लेते हो, सो किस शास्त्रानुसार ?
१४. विहार करते हुए ईरियावहि पडिक्कमते हो सो किस० ?
१५. काउसग्ग को ध्यान कहते हो, सो किस शा० ?
१६. नदी में आप तो उतरना परंतु आहार पानी नहीं ले जाना सो किस शास्त्रानुसार ?
१७. प्रतिक्रमण कर चुके पीछे खमाते हो, सो किस शा० ?
१८. दो साधुओं के बीच सात' पात्र रखते हो, सो किस शा० ?
१९. जिस के घर की एक चीज असूझती हो जावे उसका घर सारा दिन असूझता गिणना, सो किस शास्त्रानुसार ?
दृष्टांत काठियावाड़ के गोंडल नामा शहर में संघाणी फलीये ( महल्ले ) में एक ढूंढिया साधु गौचरी जाता था, उस को एक ढूंढिये की खिड़की में प्रवेश करते हुए कुत्ता भौंका, ढूंढक ने साधु को बुलाया तब साधु ने कहा कि नहीं ! नही ! आज तेरी खिडकी असूझती हो गई, हम नहीं आवेंगे यह सुन के ढूंढिये ने कहा कि स्वामीजी ! क्या कारण ? ढूंढिये साधु ने कहा "कुत्ता खुले मुंह से भौका ढूंढिये श्रावक कहा स्वामीजी ! स्वामी बेचरजी तो कुत्ता भौंकता है तो भी आते है, साधु ने जवाब दिया "वह तो ऐसा ही है, हम आने वाले नहीं" ऐसे कह के साधु चलता हुआ उस वक्त एक मश्करा पास खडा हुआ पूर्वोक्त वार्तालाप सुन के बोला कि स्वामीजी ! किसी गाम में प्रवेश करते हुए आपका वेष देख कर कुत्ता भौंके तो आप को वह सारा गांव ही असूझता हो जाता होगा ! २०. वस्त्र लेके बदले का पच्चक्खाण कराते हो, सो किस० ?
२१. जो वंदना करे उसको "दया पालो जी" कहते हो, सो किस शास्त्रानुसार ? २२. एक अंक से अर्थात् नव रुपैये की किमत से उपरांत के वस्त्र नहीं लेने, सो किस शास्त्रानुसार ?
२३. धारणा मुताबिक त्याग कराते हो, सो किस शास्त्रानुसार ?
२४. बारह पहर का गरम पानी लेते हो, सो किस शा० ?
मतलब एक एक साधु के तीन तीन पात्रे और एक दोनों का इक्कठा जिस में पेशाब करते हो और जिसको मातरीया कहते हो ।
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