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तो जैनसिद्धांतानुसार यह है कि ज्ञान सहित क्रिया करने से मोक्ष प्राप्त होता है, परंतु जो एकांत खोटी क्रिया से ही मोक्ष मानते हैं वे जैनसिद्धांत की स्याद्वाद शैली से विपरीत प्ररूपणा करने वाले हैं । और इसी वास्ते ढूंढिये गोशालापंथी सदृश सिद्ध होते हैं।
११. ग्यारहवें बोल में जेठा लिखता है कि "जैनधर्मी जिनप्रतिमा को जिनवर सरीखी मानते हैं । इस से ऐसे सिद्ध होता है कि वे अजिन को जिन तरीके मानते हैं" उत्तर - पुण्यहीन जेठे का यह लेख महामूर्खतायुक्त है, क्योंकि सूत्र में जिनप्रतिमा जिनवर सरीखी कही है । और हम प्रथम इस बाबत विस्तार से लिख आए हैं, जब ढूंढिये देवीदेवताकी मूर्तियों को तथा भूतप्रेत को मानते हैं तो मालूम होता है कि फक्त जिनप्रतिमा के साथ ही द्वेष रखते हैं । इससे वे तो गोशालामति के शरीक [समान] सिद्ध होते हैं। __ ऊपर मुताबिक जेठे के लिखे (११) बोलों के प्रत्युत्तर हैं । अब ढूंढिये जरूर ही गोशाले समान है। यह दर्शाने वास्ते यहां और (११) बोल लिखते हैं ।
१. जैसे गोशाला भगवंत का निंदक था, वैसे ढूंढिये भी जिन प्रतिमा के निंदक हैं। २. जैसे गोशाला जिनवाणी का निंदक था, वैसे ढूंढिये भी जिनशास्त्रों के निंदक हैं। ३. जैसे गोशाला चतुर्विधसंघ का निंदक था, वैसे ढूंढिये भी जैनसंघ के निंदक हैं। ४. जैसे गोशाला कुलिंगी था, वैसे ढूंढिये भी कुलिंगी हैं। क्योंकि इनका वेष
जैनशास्त्रों से विपरीत है।
जैसे गोशाला झूठा तीर्थंकर बन बैठा था, वैसे ढूंढिये भी खोटे साधु बन बैठे हैं। ६. जैसे गोशाले का पंथ सन्मूच्छिम था वैसे ढूंढियों का पंथ भी सन्मूर्छिम है
क्योंकि इन की परंपरा शुद्ध जैनमुनियों के साथ नहीं मिलती है। ७. जैसे गोशाला स्वकपोलकल्पित वचन बोलता था, वैसे ढूंढिये भी स्वक
पोलकल्पित शास्त्रार्थ करते हैं। ८. जैसे गोशाला धूर्त था, वैसे ढूंढिये भी धूर्त हैं । क्योंकि यह भद्रिक जीवों
को अपने फंदे में फंसाते हैं। ९. जैसे गोशाला अपने मन में अपने आप को झूठा जानता था परंतु बाहिर से
अपनी रूढि तानता था, वैसे कितनेक ढूंढिये भी अपने मन में अपने मत को
झूठा जानते हैं परंतु अपनी रूढि को नहीं छोड़ते । १०. जैसे गोशाले के देवगुरु नहीं थे, वैसे ढूंढियों के भी देवगुरु नहीं है ।। ___ क्योंकि इन का पंथ तो गृहस्थ का निकाला हुआ है।
११. जैसे गोशाला महा अविनीत था, वैसे ढूंढिये भी जैनमत में महा अविनीत हैं। इत्यादि अनेक बातों से ढूंढिये गोशाले तुल्य सिद्ध होते हैं । तथा ढूंढिये
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