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१६१ इस तरह के कुवचनों से जेठा और अन्य ढूंढिये जिनप्रतिमा का महत्त्व घटाना चाहते हैं । परंतु मूर्ख ढूंढिये इतना भी नहीं समझते हैं कि वे अतिशय तो सिद्धांतकारने भावतीर्थंकर के कहे हैं, और प्रतिमा तो स्थापनातीर्थकर है । इस वास्ते इस बाबत तुम्हारी कोई भी कुयुक्ति चल नहीं सकती है।
॥ इति ॥ ४२. ढूंढक मति का गोशालामती तथा
मुसलमानों के साथ मुकाबला : ४२ वें प्रश्नोत्तर में जेठे निन्हवने जैन संवेगी मुनियों को गोशाले समान ठहराने वास्ते (११) बोल लिखे है परंतु उन में से एक बोल भी जैन संवेगी मुनियों को नहीं लगता है। वे सर्व बोल तो ढूंढियों के ऊपर लगते हैं और इस से वे गोशालामति समान हैं ऐसे निश्चय होता है।
१. पहिले बोल में जेठे ने मूर्खवत् असंबद्ध प्रलाप किया है, परंतु उस का तात्पर्य कुछ लिखा नहीं है। इस वास्ते उस के प्रत्युत्तर लिखने की कुछ जरूरत नहीं है।
२. दूसरे बोल में जेठा लिखता है कि "ढूंढियों को जैनमुनि तथा श्रावक सताते हैं"। उत्तर-जैसे सूर्य को देख के उल्लू की आंखें बंद हो जाती हैं, और उस के मन को दुःख उत्पन्न होता है । वैसे ही शुद्ध साधु को देख के गोशालामति समान ढूंढियों के नेत्र मिल जाते हैं, और उन के हृदय में स्वयमेव संताप उत्पन्न होता है । मुनिमहाराजा किसी को संताप करने का नहीं इच्छते हैं । परंतु सत्य के आगे असत्य का स्वयमेव नाश हो जाता है।
३. तीसरे बोल में "जैनधर्मियोंने नये ग्रंथ बनाये हैं" ऐसे जेठा लिखता है। परंतु जो जो ग्रंथ बने हैं, वह सर्व ग्रंथ गणधर महाराजा, पूर्वधारी तथा पूर्वाचार्यों की निश्रायसे बने हैं, और उन में कोई भी बात शास्त्रविरुद्ध नहीं है । परंतु ढूंढियों को ग्रंथ पढ़ने ही नहीं आते हैं तो नये बनाने की शक्ति कहां से लावें ? फक्त ग्रंथकर्ताओं की कीर्ति सहन नहीं होने से जेठे ने इस तरह लिख के पूर्वाचार्यों की अवज्ञा की है।
४. चौथे बोल में "मंत्र, जंत्र, ज्योतिष, वैदक से आजीविका करते हो" ऐसे जेठे ने लिखा है । सो असत्य है, क्योंकि संवेगी मुनि तो मंत्र, जंत्रादि करते ही नहीं है । ढूंढिये साधु मंत्र, जंत्र, ज्योतिष, वैद्यक वगैरह करते हैं । नाम लेकर विस्तार से प्रथम प्रश्नोत्तर में लिखा गया है । इस वास्ते ढूंढियों का मत आजीविकमत ठहरता है।
५. पांचवें बोल में "१४४४-बौद्धों को जला दिया" ऐसे जेठा लिखता है, परंतु |किसी भी जैनमुनिने ऐसा कार्य नहीं किया है । और किसी ग्रंथ में जला दिये ऐसे भी नहीं लिखा है । इस वास्ते जेठे का लिखना झूठ है । जेठा इस तरह
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