Book Title: Samaysara Padyanuwad
Author(s): Hukamchand Bharilla
Publisher: Todarmal Granthamala Jaipur

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Page 7
________________ (६) इस पद्यानुवाद के संबंध में मुझे विशेष कुछ नहीं कहना है; इसे पढ़कर आप स्वयं ही निर्णय करें कि यह प्रयास कहाँ तक सफल रहा है? हाँ, इसकी एक विशेषता की ओर आपका ध्यान आकर्षित करना चाहता हूँ कि यह अत्यन्त सरल व सहज ग्राह्य है, इसके अन्वय की आवश्यकता नहीं है; यह विषय-वस्तु को बड़ी सहजता से स्पष्ट करता चलता है। मूल विषय को प्रस्तुत करने में यह पूर्ण प्रामाणिक एवं समर्थ है। साधारण से साधारण आत्मार्थी भी इसके माध्यम से समयसार की विषय-वस्तु से परिचित हो सकता है। इस कृति का मुद्रण कार्य जयपुर प्रिन्टर्स प्रा. लि., जयपुर द्वारा किया गया है। अतः प्रेस के प्रबन्ध निदेशक श्री प्रमोदजी जैन का हम हृदय से

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