Book Title: Samaysara Padyanuwad
Author(s): Hukamchand Bharilla
Publisher: Todarmal Granthamala Jaipur

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Page 71
________________ मोक्ष अधिकार कोई पुरुष चिरकाल से आबद्ध होकर बंध के । तीव्र-मन्दस्वभाव एवं काल को हो जानता ॥२८८॥ किन्तु यदि वह बंध का छेदन न कर छूटे नहीं । तो वह पुरुष चिरकाल तक निज मुक्ति को पाता नहीं ॥२८९॥ इस ही तरह प्रकृति प्रदेश स्थिति अर अनुभाग को । जानकर भी नहीं छूटे शुद्ध हो तब छूटता ॥२९०॥

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