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कर्म ज्ञान नहीं है क्योंकि कर्म कुछ जाने नहीं । बस इसलिए ही कर्म अन्य रु ज्ञान अन्य श्रमण कहें ॥३९७॥
धर्म ज्ञान नहीं है क्योंकि धर्म कुछ जाने नहीं । बस इसलिए ही धर्म अन्य रु ज्ञान अन्य श्रमण कहें ॥ ३९८ ॥
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अधर्म ज्ञान नहीं है क्योंकि अधर्म कुछ जाने नहीं । बस इसलिए ही अधर्म अन्य रु ज्ञान अन्य श्रमण कहें ॥ ३९९ ॥ काल ज्ञान नहीं है क्योंकि काल कुछ जाने नहीं बस इसलिए ही काल अन्य रु ज्ञान अन्य श्रमण कहें आकाश ज्ञान नहीं है क्योंकि आकाश कुछ जाने नहीं बस इसलिए आकाश अन्य रु ज्ञान अन्य श्रमण कहें ॥४०१ ॥
॥४०० ॥
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