Book Title: Samaysara Padyanuwad Author(s): Hukamchand Bharilla Publisher: Todarmal Granthamala Jaipur View full book textPage 75
________________ (७४) प्रतिक्रमण अर प्रतिसरण परिहार निवृत्ति धारणा । निन्दा गरहा और शुद्धि अष्टविध विषकुम्भ हैं ॥३०६॥ अप्रतिक्रमण अप्रतिसरण अर अपरिहार अधारणा । अनिन्दा अनिवृत्त्यशुद्धि अगर्दा अमृतकुंभ हैं ॥३०७॥Page Navigation
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