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... बहरि वर्तमानकर्मकं मैं करूं नाही हौं, अन्यकू प्रेरि कराऊं नाही हौं, अन्यकं करते । भला न जाणं हौं मनकरि ऐसा पांच भंग है। या कृत कारित अनुमोदना इनि तीननिपरि । एक मन लागा । तातें इकतीसको समस्याका भंग भया ॥५॥३१॥ बहुरि वर्तमानकर्मकू में करूं..
नाहीं हों, अन्य प्रेरि कराऊं नाहीं हौं, अन्यकू करतेकू भला नाहीं जानूहों वचनकरि, ऐसा । 卐 छठा भंग है । यामैं कृत कारित अनुमोदना इनि तीनानेपरि एक वचन लागा । तातें इकतीसकी ... समस्याका भंग कहिये ॥६॥३१॥ बहुरि वर्तमानकर्मक मैं करूं नाही हौं, अन्यकू प्रेरि कराऊं। 7 नाही हौं, अन्यकू करते• भला नाहीं जानू हौं कायकार, यह सातमा भंग है। यामें कृत
कारित अनुमोदना इनि तीननिपरि एक काय लागा। तातै इकतीसकी समस्याका भंग भया ।। जा ७३१॥ ऐसें इकतीसको समस्याके तीन भंग भये ।
卐 पर बहुरि वर्तमानकीकू मैं चार माह ही अन्य प्रेरि कराऊंनाही हो मनकरि वचनकरि ।
कायकरि, यह आठवां भंग है। यामैं कृत कारित इनि दोयपरि मन वचन काय तीन लगाये।। 卐 तातें तेईसको समस्याका भंग कहिये ।।८।२३।। बहुरि वर्तमानकर्मकू मैं करूं नाही हौं, अन्य
करतेकू भला नाहीं जान हो मनकरि वचनकरि कायकरि, यह नवमां भग है। यामें कृत" अनुमोदना इनि दोयपरि मन वचन काय ती लगाये । तातें तेईसको समस्याका भग भया' ॥९॥२३॥ बहुरि वर्तमानकर्म... मैं अन्यकू प्रेरिकरि कराऊ नाही हौं, अन्यकू करतेभला नाहीं .. जानू हौं मनकरि वचनकरि कायकरि, यह दशमा भंग है। पामें कारित अनुमोदना इनि
वोयपरि मन वचन काय ती लगाये। तात तेईसकी समस्याका भंग भया ॥१०॥२३॥ ऐसें " तीन भंग तेईसकी समस्याके भये ।। + बहुरि वर्तमानकर्मकू मैं करूं नाही हौं, अन्य प्रेरि कराऊ नाही हौं, मनकरिवचनकार, ऐसा'
म्यारवां भंग है। यामैं कृत कारित इनि दोयपरि मन वचन ए दोय लगाये तात बाईसकी सम-... 卐 स्याका भंग भया । ११२२ । बहुरि वर्तमानकर्मकू मैं करू नाही हौं अन्य करतेषू भला नाही
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