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जवर्तमानकम में अन्योति कराऊ नाहीं हो मन वचन कायकर, ऐसा तीसवां भंग है । यामैं है ... कारित एकपरि मन वचन काय तीनूं लगाये। तातें तेराकी समस्या भई ३०॥१३॥ बहुरि
वर्तमानकर्म• मैं अन्यकू करतेकू अनुमोदू नाही हौ मनकरि प्रचनकरि कायकरि, ऐसा इकतीस-卐 1वां भंग है । यामै एक अनुमोदनापरि मन वचन काय तीनूं लगाये । तातें तेराको समस्या भई ..
"।३१।१३। ऐसे तेराकी समस्याके तीन भंग भये। + बहुरि वर्तमानकर्म• मैं नाहीं करूं ही मनकरि वचनकरि, ऐसा बत्तीसका भंग है। यामें - __एक कृतपरि मन वचन ए दोय लगाये। तातें बारहको समस्या भई ।३२।१२। बहुरि वर्तमान卐कर्मकू अन्यकू प्रेरि में नाहीं कराऊ हौं मनकरि वचनकरि, ऐसा तेतीसवां भंग है । यामें एक के 1-कारितपरि मन वचन दोय लगाये। तातें बारहको समस्या भई ।३३।२। बहुरि वर्तमानकर्मकू
अन्यकुं करताकू मैं भला नाहीं जान हौं मनकारे वचनकार ऐसा चौतीसवां भंग है । यामें एक फ्र अनुमोदनापरि मन वचन ए दोय लगाये । तातें बारहको समस्या भई ३४।१२। बहुरि वर्तमान "कर्मकू में नाहीं करूं ही मनकरि कायकरि ऐसा पैतीसवां भंग है। यामें कृत एकपरि मन काय । 'ए दोय लगाये । तातें बारहकी समस्या भई ३५।१२। बहुरि वर्तमानकर्मकू में अन्यकू प्रेरिकरि ।
नाही कराऊ हौं मनकरि कायकरि, पेसा छत्चीसवां भंग है। या कारित एकपरि मन काय जए दोय लगाये। तातें बारहको समस्या भई ।३६।१२। बहरि वर्तमानकर्मकू में अन्यकू करतेकूम ..भला नाहीं जानूं ही मनकरि कोयकरि, ऐसा सैतीसवां भंग है। यामें अनुमोदना एकपरि मन
काय ए दोय लगाये। तातें बारहकी समस्या भई ।३७११२। बहुरि वर्तमानकर्म में नाहीं॥ 1- करूं हौं वचनकरि कायकर ऐसा अठतीसवां भंग है। या एक कृतपरि वचन काय लगाये। ..
"तातें बारहकी समस्या भई ।३८।१२। बहुरि वर्तमानकर्मकू में अन्य प्रेरिकरि नाही कराऊ प्रहौं वचनकार कायकरि, ऐसा गुणतालीसवां भंग है। यामैं एक कारितपरि वचन काय ए दोय . "लगाये। तातें बारहकी समस्या भई । ३६४१२ । बहुरि वर्तमानकर्मकू में अन्यकू करते• भला
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