Book Title: Samayprabhrut
Author(s): Kundkundacharya, 
Publisher: Mussaddilal Jain Charitable Trust Delhi

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Page 584
________________ __करि, ऐसा दूसरा भंग है। यामैं कृत कारित अनुमोदना इनि तीननिपरि मन वचन ए दोय " - लगाये । तातें बत्तीसकी समस्या भई । २।३२ । बहुरि आगामी कालके कर्मकू मैं नाहीं करूंगा, जमा " अन्य प्रेरिकरि नाहीं कराऊंगा, अन्यकू करतेकू भला भी नाहीं जानेगा मनकरि कायकरि, + ऐसा तीसरा भंग है । यामैं कृत कारित अनमोदनाका तौ तीया ही भया । अर मनकरि अर " कायकरि ऐसे दोय लागे । तातें तोया दूवा । तातें बत्तीसकी समस्या भई । ३।३२ । बहुरि आ... प्रगामी कालके कर्मकू मैं नाही करूगा, अर अन्य प्रेरिकरि नाही कराऊंगा, अन्यकू करते _____नाहीं अनुमोदूंगा वचनकरि कायकरि, ऐसा चौथा भंग है। यामें कृत कारित अनुमोदना इनि ।। 卐 तीननिपरि वचन काय ए दोय लगाये । तातें बत्तीसकी समस्या भई । ४।३२ । ऐसे बत्तीसकी .. समस्याके तीन भंग भये। क बहुरि आगामी कालके कर्मकू में नाहीं करूंगा, अन्यकू प्रेरि नाही कराऊंगा, अन्यकू । 1- करतेकू भला नाही जानूगा मनकरि, ऐसा पांचवां भंग है । यामें कृत कारित अनुमोदना इनिज " तीननिपरि एक मन लगाया । ताते इकतीसकी समस्या भई । ५३१ । बहुरि आगामी कालके कर्म में नाहीं करूंगा, अन्य प्रेरि नाहीं कराऊंगा, अन्यकू करते। भला नाही' जानूंगा ॥ "वचनकार, ऐसा छठा भंग है । यामें कृत कारित अनुमोदना इनि तीननिपरि एक वचन लगाया। जतातें इकतीसकी समस्या भई । ६।१ । बहुरि आगामी कालके कर्मक मैं नाहीं करूंगा, ' ____ अन्यकुं प्रेरि नाहीं कराऊंगा, अन्यकू करते भला नाही जागा कायकरि, ऐसा सातवां भंग है। यामैं कृत कारित अनुमोदना इनि तीननिपरि एक काय लगाया। तातें इकतीसकी । । समस्या भई । ७।३१ । ऐसे इकतीसकी समस्याके तीन भंग भये । 卐 " बहुरि आगामी कर्म में नाहीं करूंगा, अन्य रिकरि नाही कराऊंगा मनकरि वचन'करि कायकरि, आठवां भंग है। यामें कृत कारित इनि दोयपरि मन वचन काय तीनूं लगाये। 5 . तातें तेईसकी समस्या भई । ८।२३ । बहुरि आगामी कर्मकू में नाही करूंगा अन्यकू करतेकू |F F$ $ 乐 乐乐 乐乐 乐乐

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