Book Title: Samayprabhrut
Author(s): Kundkundacharya, 
Publisher: Mussaddilal Jain Charitable Trust Delhi

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Page 586
________________ கககககக* फ्र भय 卐 ४ 卐 ऊंगा वचनकरि कायकरि ऐसा सतरावां भंग है । यामें कृत कारित इनि दोयपरि वचन काय लगाये । तातें बाई सकी समस्या भई | १७| २२ | बहुरि आगामी कर्मकूं मैं अन्य प्रेरिकरि नाही कराऊंगा, अन्यकुं करतेकूं भला नाही जानूंगा वचनकरि कायकरि ऐसा अठारवां भंग 卐 भया । यायें कृत अनुमोदना इनि दोयपरि वचन काय लगाये । तातें बाईसकी समस्या भई । १८।२२ । बहुरि आगामी कर्मकूं में अन्य प्रेरिकरि नाही कराऊंगा, अन्यकूं करतेकू भला फ्र कभी नहीं जानूगा वचनकर कायकरि ऐसा उगणीसवां भंग भया । यामैं कारित अनुमोदना इन दोपरि वचन काय ए दोष लगाये । तातें बाईसकी समस्या भई । १९।२२ । ऐसे बाई - 5 सकी समस्या व भंग भवे । 5 卐 卐 卐 बहुरि आगामी कर्म में नाहीं करूंगा, अन्यकूं प्रेरिकरि नाही कराऊंगा मनकरि, ऐसा बीसवां भंग है । यामैं कृत कारित इनि दोयपरि एक मन लगाया। तातें इकईसकी समस्या भई | २०|२१ | बहुरि आगामी कर्मकूं मैं नाही करूगा, अन्यकूं करतेकूं भला नाही जानूंगा मनकरि ऐसा इस भंग है । यामै कृत अनुमोदना इनि दोयपरि मन एक ल5 गाया। तातें इकई सकी समस्या भई । २११२१ । बहुरि आगामी कर्मकूं मैं नाही कराऊंगा, अन्यकं करते भला नाहीं जानूंगा मनकरि ऐसा बाईसवां भंग है । यामैं कारित अनुमो दना इनि दोषपरि एक मन लगाया। तातें इकईसकी समस्या भई । २२१२१ | बहुरि आगामी मैं नहीं करूंगा, अन्यकू प्रेरिकरि नाही कराऊंगा वचनकरि ऐसा तेईसवां भंग है। फ कर्मक या कृत कारित इनि दोयपरि एक वचन लगाया। तातें इकईसकी समस्या भई । २३।२१ । 5 बहुरि आगामी कर्मकू में नहीं करूंगा अन्धकू करतेकू भला नाही जानूंगा वचनकर ऐसा चोईसवां भग है या कृत अनुमोदना इनि दोयनिपार एक वचन लगाया। सातें इकईसको समस्या भई । २४।२१ | बहुरि आगामी कर्मकू में अन्य प्रेरिकरि नाही कराऊंगा, अन्यकू' करतेकूं भला भी नाही जानूंगा वचनकरि ऐसा पचीसवां भंग है। यामें कारित फ्र 卐 கககககககககுபிழபூதி फफफफ एड

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