Book Title: Samayprabhrut
Author(s): Kundkundacharya, 
Publisher: Mussaddilal Jain Charitable Trust Delhi

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Page 587
________________ ॐ अनुमोदनो इनि दोयपरि एक वचन लगाया। ताते इकईसको समस्या भई । २५॥२१ । बहुरि卐 - आगामी कर्मक मैं नाही करूगा, अन्यकू प्रेरि नाहीं कराऊंगा कायकरि ऐसा छबीसवां भंग ।। "है। यामैं कृत कारित इनि दोयपरि एक काय लगाया। तातें इकईसकी समस्या भई । २६।२१।। 9 बहुरि आगामी कर्मकू मैं नाहीं करूंगा, अन्य करतेक भला नाहीं जानूगा कायकरि ऐसा सत्ताईसा भंग भया । यामैं कृत अनुमोदना इनि दोयपरि एक काय लगाया । ताते इकईसकी " 卐 समस्या भई ।२७।२१। बहुरि आगामी कर्मकू मैं अन्य प्रेरि नाहीं कराऊंगा, अन्य करते' .- भला नाहीं जानूगा कायकरि ऐसा अठाईसवां भंग है । यामैं कारित अनुमोदना ईनि दोय-.. परि एक काय लगाया । ताते इकईसकी समस्या भई । २८१२१ । ऐसे इकईसकी समस्याके 4 नव भंग भये। बहुरि आगामी कर्मकू में नाही करूंगा मनकरि वचनकरि कायकरि, ऐसा गुणातीसवां । 卐 भंग है । यामें कृत एकपरि मन वचन काय तीनू लगाये । तातें तेराको समस्या भई ।२९।१३।” ... बहुरि आगामी कर्म में अन्य... प्रेरिकरि नाहीं कराऊंगा मनकरि वचनकरि कायकरि, ऐसा । 5 तीसवां भंग है। यामैं एक कारितपरि मन वचन काय ती लगाये। तातें तेराको समस्या ) घर भई । ३०१३ । बहुरि आगामी कर्म में अन्यकू करतेकू भला नाहीं जानूंगी मनकरि बचन-- । करि कायकरि ऐसा इकतीसवां भंग है। यामें एक अनुमोदनापरि मन बचन काय तो लगाये।। जतातें तेरहकी समस्या भई । ३ ३ । ऐसे तेराकी समस्याके तीन भंग भये। ____ बहुरि आगामी कर्म में न करूगा मनकरि वचनकरि ऐसा बत्तीसवां भंग है । यामैं एक " . कृतपरि मन वचन दोय लगाये। तातें बाराकी समस्या भई ३२।१२। बहुरि आगामी कर्म मैं अन्य प्रेरिकरि नाही कराऊंगा मनकरि वचनकरि ऐसा तेतीसा भंग है। पामैं एक 卐 कारितपारे मन वचन दोय लगाये। तातें बारहकी समस्या भई ३३।१२। बहुरि आगामी काकू .. में अन्यकू करतेकू नाही' अनुमोदूंगा मनकरि वचनकार, ऐसा चौतीसवां भंग है। का एक ॥ 5 ॥ 卐

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