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पुराणनिर्माणाधिकरणम्
जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर की दूरभाषण पर सूचना मिली कि मैं पुराणनिर्माणाधिकरणम् का अनुवाद भेज रही हूँ। मुझे मूलग्रन्थ की शुद्धि सहित सम्पादित सानुवाद प्रति शीघ्रातिशीघ्र प्रकाशन हेतु चाहिये। २० अगस्त को उनकी भेजी पुस्तक प्राप्त हो गयी। इस समय दो तीन पुस्तकों का कार्य चल रहा है। पूर्ण व्यस्तता में भी मैं कार्य में जुट गया। जुटना ही था प्रकोष्ठ का कार्य, जिसका मुझ पर अधिकार है, साथ ही पुराण सम्बन्धी कार्य जिसे मांगकर लेने की इच्छा भी बनी रहती है। इस समय एकमात्र यही इच्छा है कि ओझाजी के ग्रन्थों का नियमित प्रकाशन हो, अधिकारी विद्वानों द्वारा। आशा का केन्द्र यह मधुसूदन प्रकोष्ठ ही है। बड़ी प्रसन्नता है यहाँ नियमित गतिविधियाँ चल रही है, उसके साथ कदम मिलाकर चलने में सन्तोष और आनन्द की अतुल अनुभूति होती है।
ये गतिविधियाँ तीव्रता और व्याप्ति लें, डॉ. प्रभावती को यह शुभाशिष देते हुए इस कार्य के लिए कृतज्ञता प्रकट करता हूँ। . डॉ.छैलसिंह से आशा करता हूँ कि पुराणोत्पत्ति प्रसङ्ग कार्य प्रारम्भ कर दें, अपने समर्थ गुरु डॉ. सुथार का आशीर्वाद उन्हें सदा प्राप्त हैं साथ ही मेरा योग भी।।
संस्कृत विभागाध्यक्ष आचार्य सत्यप्रकाश दूबे तथा सम्पूर्ण सङ्काय के प्रति हार्दिक कृतज्ञता व्यक्त करता हूँ। इति शम्।
६ सितम्बर २०१३
अनन्त शर्मा
अध्यक्ष भट्ट मथुरानाथशास्त्रि साहित्य पीठ जगद्गुरु रामानन्दाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय
मदाऊ, जयपुर
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