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36/प्राकृत कथा-साहित्य परिशीलन
20. अनुत्तरोपपितिक दशा के कुछ अभिप्राय 439-40)। 21. विपाकसूत्र की कथाओं के प्रमुख मोटिफ्स (41-50)। 22. जगदीशचन्द्र जैन आगम सा. में भा. समाज, पृ. 119 आदि। 23. मोतीचन्द्रः सार्थवाह, अध्याय 9, पृ. 158 आदि। 24 सिंह. मदनमोहन: बुद्धकालीन समाज और धर्म, पटना. 1972. पुस्तक दृष्टव्य । 25. ज्ञाताधर्मकथा (भूमिका. पृ. 35-38) 26. डा. जैन: वही, पृ. 413-20 आदि। 27. ज्ञाताधर्मकथा पृ.2371 28. कुवलयमालाकहा का सांस्कृतिक अध्ययन, पृ.3821 29. डा. जैनः वही, पृ.429 आदि। 30. (क) आगमयुग का जैन दर्शन, आगरा, 1966
(ख) जैन दर्शन का आदिकाल, अहमदाबाद. 1980 पुस्तकें द्रष्टव्य। 31. डा. जैन. वही, पृ. 325 आदि। 32. उत्तराध्ययनसूत्र- एक समीक्षात्मक अध्ययन, पृ.371 आदि।
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