Book Title: Niti Shiksha Sangraha Part 02
Author(s): Bherodan Jethmal Sethiya
Publisher: Bherodan Jethmal Sethiya

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Page 9
________________ नीति-शिक्षा-संग्रह हो जाता है। इसी तरह प्यास में विना जल पिये भोजन करने से गुल्म रोग हो जाता है / . (5) जो मनुष्य भोजन का समय होने से पहले ही भोजन कर लेते हैं. उनका शरीर अशक्त हो जाता है। अशक्त होने से सिर मैं दर्द, अजीर्ण हैज़ा आदि भयानक रोग उत्पन्न हो जाते हैं, इन प्राय घातक रोगों के पञ्जो में फंसकर विरले ही भाग्यवान् बचते हैं। इसलिये भोजन के नियत समय पर विशेषतः खूब भूग्व लगने पर भोजन करना चाहिये / .. (6) जो मनुष्य भोजन के समय से बहुत पीछे भोजन करते हैं, उनकी पाचन शक्ति- आहार पचाने वाली अग्निको वायु.नाश कर देता है / नियत समय से पीछे जो भोजन किया जाता है, यह अग्नि के मन्द हो जाने के कारण बड़ी कठिनता से पचता है और फिर दूसरी बार भोजन करने की इच्छा नहीं होती। इसलिए भूख लगने पर भोजन के समय को टाल देना बुद्धिमानी नहीं है। ..(7) बहुत ही गर्म भोजन करने से बल का क्षय होता है। * शीतल और सूखा हुआ अन्न कठिनता से पचता और उस का.स अच्छा नहीं बनता है / जल आदि से भीगा हुआ अन्न ग्लानि करता है, सड़ा हुआ बहुत दिनों का रक्खा हुआ अन्न बुद्धि को जड़ करता है और शरीर में सुस्ती लाता है; इसलिए ऐसे भन्नों ' से बचना चाहिये तथा ताजा और रुचिकारक भोजन खाना चाहिये।

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