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. आचार्य कुंदकुंददेव का उपाय के साथ ज्ञान करावें ताकि मैं अगले संस्करण में सुधार कर सकूँ। आपकी सूचनाओं का मैं हार्दिक स्वागत करता हूँ। यह कृति आचार्य के जीवन को समझने के लिए और उनके लोकोत्तर ग्रंथों के अध्ययन के प्रेरक सिद्ध हो जाय तो मैं अपने इस प्रयास . को सफल समझूगा। दि. २२/४/१९८३
श्री एम. बी. पाटील, शुद्धालसदन
हुलबत्ते, कॉवनी, शहापुर बेलगांव (कर्नाटक)
पिन-५६०००३.