Book Title: Jivdaya Prakaranam Author(s): Kalyanbodhisuri Publisher: Jinshasan Aradhak Trust View full book textPage 9
________________ જીવદયા પ્રકરણ અલંક જીવદયા પ્રકરણ. • मग्गइ सुक्खाई जणो ताइ य सुक्खाइं हुंति धम्मेण । धम्मो जीवदयाए जीवदया होइ खंतीए ॥५॥ • निंबाओ न होइ गुलो उच्छू न य हुंति निंबगुलियाओ । हिंसाफलं न होइ सुखं न य दुक्खं अभयदाणेण ॥१९॥ • जो धम्माओ चुक्को चुक्को सो सव्वसुक्खाणं ॥२३॥ • नरएसु सुदुस्सह वेयणाओ पत्ताओ जाइं पइ मूढ ! । जइ ताओ सरसि इण्हि भत्तं पि न रुच्चए तुज्झ ॥७८॥ • जस्स दया सो तवस्सी जस्स दया सो य सीलसंपत्तो । जस्स दया सो नाणी जस्स दया तस्स निव्वाणं ॥१५॥ • एक्का वि जेण पत्ता नियदेहे वेयणा पहारेहिं । न कुणइ जइ जीवदया सो गोणो नेय माणुस्सो ॥१००॥Page Navigation
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