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(१०८) कई दुःखो ओछां उभा कों नथी. माणस जो सन्तोष अने नम्रता मेळवे तो मनुष्यजातिनुं ९० टका दुःख ओछु थई जाय. आजे जे देश देश बच्चे अने कोम कोम बच्चे कलह चाली रह्यो छे अने मृत्यु पहेलांज आपणे आ सृष्टि पर जे नरक उपजावीए छीए ते एकली अहिंसावृत्तिथी ज आपणे अटकावी शकीए.
हिन्दुस्तानना इतिहासनो जो कई विशेष सार होय तो ते एज छे के:-- ....... सर्वेऽत्र सुखिनः सन्तु सर्वे सन्तु निरामयाः ।
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद् दुःखभाग्भवेत् ॥ ... हिंदुस्तानमा जेटला आव्या तेटला बधा अहीं ज रह्या छे. कोई गया नथी. आश्रित तरीके आव्या तेओ पण रह्या छे. अने विजेताना उन्मादथी आव्या तेओ पण रह्या छे. बधा ज माई भाई थईने रह्या छे अने रहे. विशाळ हिन्दु धर्मनी, जनकना हिन्दुधर्मनी, गौतमबुद्धना हिन्दुधर्मनी, महावीरना हिन्दुधर्मनी आ पुण्यभूमिमां सौने स्थान छे, केमके आज भूमिमां अहिंसानो उदय थयो छे.
आखी दुनिया शान्तिने खोळे छे. त्रस्त दुनिया त्राहि
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