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सुधारणाने अनुसरी धर्मसुधारणाना पण नानाप्रकारनां पगथीयां छे. धर्मनी अत्युच्च मर्यादा उपरथी धर्मकल्पनानी वृद्धि, धर्मन स्वरूप नष्ट न थाय एवी रीते क्या सुधी थई शके छे ते आपणे जाणवू जोईए, आ प्रश्ननो विचार करवो होय तो पण सामान्यथी धर्मना इतिहास तरफ नजर नांखवी जोईए. एम करतां प्राचीनकालथी अत्यार सुधीना सर्वे धर्मोनो समग्र इतिहास जोवोज जोईए एम नथी पण वर्तमानमा प्रचलित धर्मोमां जेमनु स्वरूप घणी सारी रीते वृद्धिंगत थयुं छे एवा जातिविशिष्ट धर्मोनुं सिंहावलोकन करीए तो पण आपणुं काम थवा जेवू छे. आवी उच्च पायरी सुधी जेओनी धर्मकल्पनानो विकास थयो छे एवी निःसंशय बे जातिओ तो छे ज, अने ते सॅमेटिक' अने आर्य ए छे. धर्मविकासना इतिहास माटे अने धर्मकल्पनानी उच्चतम मर्यादा समनी लेवी होय तो आपणने आ बे जातिनो इतिहास कंडक थोडो सविस्तर जोवो जोईए. .xxxx ___आर्यलोकोनी आ देशमा वसति थया पहेला अहियां अनेक जातना लोको वसता हता एमां संशय नथी. आ लोकोनो अव
... १ ख्रिस्ती, याहूदीन, मुसलमीन, आरव विगेरे.
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