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(ब) शोक संज्ञा
1. शोक संज्ञा का स्वरूप 2. शोक आर्तध्यान का ही एक रूप है। 3. शोक के दुष्परिणाम
4. शोक पर विजय कैसे ? (स) विचिकित्सा (जुगुप्सा) संज्ञा
1. विचिकित्सा (जुगुप्सा) का स्वरूप 2. जुगुप्सा आवश्यक भी और अनावश्यक भी 3. विचिकित्सा के प्रकार 4. विचिकित्सा पर विजय कैसे ?
अध्याय -14
532-535 जैन धर्म की संज्ञा की अवधारणा की बौद्ध धर्म की चैतसिकों की अवधारणा से तुलना।
अध्याय - 15
536-543 जैनदर्शन की संज्ञा की अवधारणा और मनोवैज्ञानिक मैकड्यूगल की मूलवृत्ति की अवधारणा का तुलनात्मक विवेचन।
544-563
अध्याय - 16
1. संज्ञा और विवेक 2. संज्ञा और संज्ञी में अन्तर 3. संज्ञा विवेकशीलता के रूप में 4. उपसंहार
सन्दर्भ ग्रंथ सूची -
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