Book Title: Hindi Sahitya Abhidhan 1st Avayav Bruhat Jain Shabdarnav Part 01
Author(s): B L Jain
Publisher: B L Jain
View full book text
________________
अजीवगत हिंसा - वृहत् जैन शब्दार्णव
अजीवगत हिंसा १८. कोधवश कारित कायिक
३५. मानवश स्वकृत कायिक- आरम्भजन्य हिंसा
समारम्भजन्य हिंसा १६. कोधवश अनुमोदित मानसिक | ३६. मानवश स्वकृत कायिक- . संरम्भजन्य ,
आरम्भजन्य ,, २०. कोधवश अनुमोदित मानसिक- ३७. मानवश कारित मानसिक. समारम्भजन्य ,
संरम्भजन्य , २१. कोधवश अनुमोदित मानसिक ३८. मानवश कोरित मानसिक आरम्भअन्य ,
समारम्भजन्य , २२. कोधवश अनुमोदित वाचनिक- २६. मानवश कारित मानसिक- . - संरभिजन्य ,
आरम्भजन्य, २३. कोधवश अनुमोदित वाचनिक- ४०. मानवश कारित वाचमिकसमारम्भजन्य ,
संरम्भजन्य ,, २४. कोधवश अनुमोदित वाचनिक- ४१. मानवश कारित वाचनिक आरम्भजन्य ,
. समारम्भजन्य :, २५. फोधवश अनुमोदित कायिक- ४२ मानवश कारित वाचनिकसंरम्भजन्य ,
आरम्भजन्य , २६. कोधवश अनुमोदित कायिक- ४३. मानवश कारित कायिकसमारम्भजन्य,
__ संरम्भजन्य , २७. कोधवश अनुमोदित कायिक
४४. मानवश कारित कायिक
.. , समारम्भजन्य , २८. मानवश स्वकृत मानसिक
४५. मानवश कारित कायिकसंरम्भजन्य ,
, आरम्भजन्य ,, २६. मानवश स्वकृत मानसिक
४६. मानवश अनुमोदित मानसिकसमारम्भजन्य ,
___ संरम्भजन्य , ३०. मानवश स्वकृत मानसिक
४७. मानवश अनुमोदित मानसिकआरम्भजन्य
समारम्भजन्य , ३१. मानवश स्वकृत वाचनिक
४८. मानवश अनुमोदित मानसिकसंरम्भजन्य ,
आरम्भजन्य , ३२. मानवश स्वकृत पावनिक... ४६. मानवश अनुमोदित वाचनिकसमारम्भजन्य ,
संरम्भजन्य , .३३. मानघश स्वकृत वाचनिक- ... । ५०. मानवश अनुमोदित वाचनिक__ आरम्भजन्य ,
समारम्भजन्य , ३४. मानवश स्वकृत कायिक-... | ५१. मानवश अनुमोदित वाचनिकसंरम्भजन्य ,
आरम्भजन्य".
आरम्भजन्य
I
:
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org

Page Navigation
1 ... 258 259 260 261 262 263 264 265 266 267 268 269 270 271 272 273 274 275 276 277 278 279 280 281 282 283 284 285 286 287 288 289 290 291 292 293 294 295 296 297 298 299 300 301 302 303 304 305 306 307 308 309 310 311 312 313 314 315 316 317 318 319 320 321 322 323 324 325 326 327 328 329 330 331 332 333 334 335 336 337 338 339 340 341 342 343 344 345 346 347 348 349 350 351 352