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( २६९ )
पुष्करार्द्ध द्वीप (पश्चिम भाग )
(पश्चिम-भरत क्षेत्र (विद्युन्माली मेरु के दक्षिण ) पश्चिम ऐरावत क्षेत्र (विद्युन्माली मेरुके उत्तर) अतीतचौबीसी वर्तमान चौ० | अनागत चौ० अतीत चौ० ! वर्तमान चौ० अनागत चौ० १ श्री पद्मचन्द्र श्री अदोष
श्री गायक
श्री सर्वाङ्ग श्री प्रभाकरदेव श्री उपशान्त (पद्मप्रभ श्रीप्रभाकरदेव (विद्युत्प्रभ ) ३ श्री अजोगिक श्री पद्माकर
२ श्री रत्नाङ्ग
विनयेन्द्र
वृषभ
स्वभावकदेव
विनयानन्द
दिनकर
मुनिभारत
अनङ्गतेज
(अगस्त) धनदत्त
पौर व
जिनदत्त
पार्श्वनाथ
मुनिसिन्धु
अस्तक
(आस्तिक) भवनीक
( बलनाथ)
४ श्री सिद्धार्थ | श्रीयोगनाथ (सर्वार्थ)
५ श्री ऋषिनाथ (रुषिनाथ)
श्री सूक्ष्माङ्ग
६ श्री हरिभद्र श्री बलातीत
७ श्री गणाधिप श्री मृगांक
= श्री पारत्रिक श्री कलंवक
६ श्री ब्रह्मनाथ श्री परित्याग (पद्मनाथ) १० श्रीमुनिचन्द्र श्री निषेधक
११ श्री कुलदीपक श्रीपापप्रहारक
१२ श्री राजर्षि
श्री मुक्त चन्द्र स्वामि १३ श्रीविशारवदेव श्री अप्रकाश ( अप्रासिक) १४ श्री आनन्दित श्री जयचन्द्र (आनन्दित ) श्री मलाधार ( मलधारिण) श्री सुसंजय
१५ श्रीरविस्वामिन्
१६ श्री सोमदत्त
१७ श्रीजयस्वामि श्रीमलय सिंधु |
१८ श्री मोक्षनाथ
श्री अक्षधर (JFAITHT) धराजयति (धरदेव) श्री गणाधिप
( प्रयच्छत) श्री अकामिक
१६ श्री अग्रभानु
१२० श्री धनुषाङ्ग
२१ श्री. मुक्तनाथ
२२ श्री रोमांच बिनीत
२३ " प्रसिद्धनाथ,
वीतराग
२४, जिनेशस्वामि
रानन्द
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नृपनाथ
नारायण
प्रशमौक
भूपति
सुदृष्टि (हष्टांक)
भवभोरु
नन्दन
भार्गव
वासव
फाल्गु
पुरवास
सुन्दर
गौरव
त्रिविक्रम
नृसिंह
मृगवासब
परम शोभ (सोमेश्वर) शुद्धेश्वर
अपापजिन
विवाध जिन
सन्धिकजिन
(भववास) भरतेश
मनिधात्र
श्रश्वतेज
विद्याधर
सुलोचन
निधि
मुनीन्द्र
परवासव सर्वकला
(किल्विषाद)
वनवासि
भूरिश्रवण
पुण्याङ्ग
पुंडरीक
चित्रगण
पुष्पाङ्ग
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मल्लवास ( नलवास भीम
दयानाथ ' ( ध्वजाधिप )
सुभद्र नाथ
स्वामि जिन
हनिक
नन्दघोष
रूप वीर्य
वज्रनाभ
सन्तोन
सुधर्म
फर्नाश्वर
वीरचन्द्र
मेधानीक
स्वच्छ नाथ
को पक्ष
अकामिक
धर्मग्राम
( सन्तोषिक)
सुक्त सेन (सत्य सेन)
क्षेमङ्कर (क्षेमाङ्ग )
दयानाथ
कीर्तिप
शुभङ्कर
इन्द्रक
चन्द्रकेतु
ध्वजादित्य
वस्तुबोधक
मुकगति
'धर्म प्रबोधक
देवोङ्ग
मरीचि
जीव नाथ
( धर्मरथ ) यशोधर
गौतम
मुनिशुद्ध
प्रबोधक
सदानीक
चारित्र नाथ
सदानन्द
दार्थ नाथ
सुधानीक ( प्रशस्त ) ज्योतिमूर्ति
सुराधं (सुबुद्ध)
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