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वृहत् जैन शब्दाणव
अण्डय्य
अण्डे देती हैं। झींगा मछली जो बहुत छोटी जाति की साधारण मछली होती है वह २१६६६ तक, कौड मछली ३६३६७६० तक और सामन मछली ( Salmon ) सर्व से अधिक १ करोड २० लाख से २ करोड़ तक अंडे देती पाई गई हैं ॥
१०. मछलियां लगभग सर्व ही जाति दो के चार इत्यादि होने से लगभग ३ पद्म की सहस्रों, लक्षों और करोड़ों तककी संख्या (२८१४७४६७६७१०६५६ ) तक हो जाती है । १४. कोई कोई जीव जन्तु ऐसे हैं जिन के शरीर पर एक या कभी कभी कई गांठे या व्रण जैसे चिह्न उत्पन्न हो कर वे फल जाते हैं फिर धीरे धीरे उन्हीं व्रणों से एक एक नया कीड़ा उसी जाति का उत्पन्न हो जाता है । इन जन्तुओं का सन्तानोत्पत्तिक्रम यही है ।
११. अन्य सन्तान की रक्षा व पालन पोषण करने वाले पक्षियों में मुर्गों और तीतर सर्वोत्कृष्ट धात्री हैं ॥
१२. तीमी आदि जातिकी कुछ मछलियों के अतिरिक्त शेष मछलियां और किसी२ जाति की. सैकियां अपने उदरसे निर्जीव अंडे निकालती हैं पश्चात् नर मत्स्य या नर मेंढक उन अंडों मैसे, जिन पर अपना शुक्र त्याग करता है उनमें जीवोत्पत्ति हो जाती है जिनसे उनकी सन्तान का जन्म होता है ।
अण्डज
१३. कोई कोई जलजन्तु ऐसे विलक्षण देखने में आये हैं कि उन के शरीर के टूट टूट कर या तोड़ देने से जितने भाग हो जाते हैं उतने ही नवीन जन्तु प्रत्येक भाग से उसी जाति के बन जाते हैं अर्थात् प्रत्येक भाग में थोड़े ही समय में शिर और दुम ( पुच्छ ) आदि अन्य शरीर अवयव निकल आते हैं। इनकी उत्पत्ति का क्रम यही है । यह कीड़े अपनी उत्पत्ति के समय से एक घंटे के अन्दर और कभी कभी आधे घण्टे ही में सन्तानोत्पत्ति योग्य हो जाते हैं । अर्थात् फट कर एक के दो हो जाते हैं । इसी क्रम से प्रति घण्टा एक के दो और दो के चार और चार के आठ इत्यादि बढ़ते बढ़ते २४ घण्टे में केवल एक कीड़े की सन्तान एक करोड़ ६८ लाख के लगभग और हर आधे घण्टे में एकके दो और
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१५. जिन जन्तुओं के कान प्रकट दृष्टि गोचर हैं ये प्रायः बच्च े देते हैं और जिन के कान प्रकट नहीं दिखाई देते या जिन में सुनने की शक्ति ही नहीं होती अर्थात् जिनके कान नहीं होते वे प्रायः अण्डे से उत्पन्न होते हैं या गर्भ के अतिरिक्त अन्य किसी रीति से ( सम्मूर्छन ) जन्म लेते हैं I
१६. पालू खरद्दा ( Rabbit ) छह मास की वय का होकर प्रत्येक वर्ष में सात सात बार तक व्याता है और प्रत्येक बार में' ४ से १२ तक बच्चे देता है अन्दाजा लगाया गया है कि यदि खरहा ( शशक ) का केवल एक ही जोड़ा और उसकी सन्तान योग्य खान पान और जलवायु आदि से पालन पोषण पाकर पूर्ण सुरक्षित रहे तो केवल ४ वर्ष ही में उस की सन्तान की संख्या लगभग १२ लक्ष तक हो सकती है ।
[ Beeton's Dictionary of UniIversal Information, शब्द 'Oviparous, Egg etc.' fasa कोष, शब्द 'अण्डा'; हमारे शरीर की रचना भाग २ पृष्ट १३२, Every body's Pocket Cyclopaedia; .etc.
मण्डय्य - एक कर्णाटक देशीय जैनकवि ।
इस कवि के पितामह का नाम भी अण्डय्य था जिसके शान्त, गुम्मट और वै
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