Book Title: Hindi Sahitya Abhidhan 1st Avayav Bruhat Jain Shabdarnav Part 01
Author(s): B L Jain
Publisher: B L Jain
View full book text
________________
शुद्धिपत्र (कोष के प्रारम्भिक भाग का) | शुद्धिपत्र (कोष के मन भागे का)। MEER अशुद्ध शुद्धE E अशुद्ध शुन्न
कालम
अशुद्ध
शुद्ध
पंक्ति
अशुद्ध
शुद्ध
-
३.४।४ बाएँ
दाएँ
। २।१६ वश्वानर ७४।२३. आवश्कीय आवश्यकीय
२१।३० अर्व १२।।२७ चेनतआर्यवशां चेतनआर्यक
८फु.नो.18 (४८८ ५७) राज) तीसहितजो यह शांतियुत,जेनरते
हा२।२८
. तो १४।४।१ ज़नाना जमाना
१३४ ददुग: दन्तिदुर्ग १४।४।१६ आसार असार
१६I X ककगुज ककराज . १५।४।१५ तरगं
तरंग २३॥३॥
नेम २५।४।५ ज्योषि
ज्योतिष
२६।१।३० अधित हितशत्रु २६।४।६ Treasuries , Treasures २७११।२८ अक्षयपरिवर्तन, अक्षपनि REIX 139 Propagate propagate २८॥१ ३८॥३॥२२ अंगुष्ट अंगुष्ठ २८।२।१७ सिरिता सिद्धाश ३८।३।२३ ,
३०१२।३३ क्षे. ३८।३।२४ ,
३१।१।१६ प्रचीन प्राचीन - ३८।३।२५ ,
३२।२।१० हैं। उनके हैं उनके ३६।४।२३ अजीव प्राव अजीवप्रा
४१।२।३६ अक्षरमाला अक्षरमातृका शिका. शिकी
४३।१।२८ अक्षीरमधु- अक्षीरमधु४२।१।२ . '५५।२ ५५।१
सपिक .. सर्पिष्क ४२।१।१६ ४५४८१६४ ४५४९१६४ ४३३२।३७ धति
धति
और बल ४२।१।१७
और
४६२।१६ २२२।२ २२३१२
४७११११६ (७-११) रक्तपदा (७-११) पंच ४२१:१९ २५३११,२ २५३११ ४२१११२४ अन्वय दृष्टान्त अन्वय दृष्टान्ता.
भास . ५१।२६,७ और पृ० १३,१४ ४२११४३३. ६६२ ७०११ ४२।२।१६ २२१
५३।२।२९ (कठूमरफल, कठूमरफुल) ४२।२।३१ अष्ट उपाम अष्ट उपमा .
५४।२।हेडिंग अगुरुलत्वगुण गुरुलघुत्व । ४३।११५ १५८, १५८१
...५४|११ शास्त्रज्ञाव शास्त्रज्ञान ५३।१८ २७१ १२७१
1.५६।२।४ : (१) ४३।२।२२ ७१।१ ७६१
| ५६/२।३० सर्य
सूर्य ४३।२।२७ ४६१ २८१ |५७१।१२. आकर
आकार ४४।१।३१ उद्भव उद्धव
| ५६।३ अजी
आजी-, .
गुण
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org

Page Navigation
1 ... 343 344 345 346 347 348 349 350 351 352