Book Title: Hindi Sahitya Abhidhan 1st Avayav Bruhat Jain Shabdarnav Part 01
Author(s): B L Jain
Publisher: B L Jain

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Page 332
________________ क्रमस० . पुष्करार्द्धद्वीप (पूर्व भाग) पूर्व भरत क्षेत्र ( मन्दरमेरु के दक्षिण ) | पूर्व-ऐरावत क्षेत्र ( मन्दर मेरु के उत्तर) अतीत२४सी० वर्तमान२४सी अनागत२४सी अतीत२४सी वर्तमान२४सी अनागत२४मा १ श्रीमदनेन्द्र श्रीजगन्नाथ धावत | श्रीजगन्नाथ | श्रीवसन्तध्वज श्रीकृतनाथ श्रीशङ्कर. श्रीयशोधर (दमनन्द) (निशामित) २ श्रीमूतेन्द्र श्रीप्रभास ,, विजयन्त उपविष्ट अक्षपात सुकृत (त्रिमातुल) श्री निराग श्रीसूरस्वामिन् , त्रिस्कन्ध आदित्तदेव नग्नादि अभय घोष (त्रिस्थंभ) श्री प्रलंवित श्रीभरतेश "परमब्रह्म अस्थानिक नग्नाधिप निर्वाण (अघटित) (अष्टान्हिक) ५धीपृथ्वीपति श्रीदीर्धापन |,, अवालीश प्रचन्द्र नष्टपाखंड व्रतवासु (पनपट) ६ धीचरित्रनिधि श्रीविख्यात ,, प्रवादिक वेणुक स्वप्नप्रबोध अतिराज कीर्ति । (स्वपद) श्रीअपराजित ,, अवशानन |, भूमानन्द त्रिभानु तपोधन अश्वजिन (अश्रमण) श्रीसुबोधक , प्रबोधन 1;, त्रिनयन ब्रह्मब्रह्मण्य पुष्यकेतु अजुक (ब्रह्मादित्य) श्री युद्धश सपोनिधि ,, विवश घजाङ्ग धार्मिक तपश्चन्द्र | (बुद्ध श) | १. श्री वैतालिका, पावक ,, परमात्म अविरोधन चन्द्र केतु शारीरिक प्रशम ११ श्रीत्रिमुधि , मिपुरेश | भूमीन्द्र अपाप वीतराग महेश्वर (मुक्तिधन) (प्रणरिपु १२ श्रीमुनिबोधक ,, सौगत ,, गोस्वामिन् लोकोत्तर अनुरक्त (विरक्त) १३) श्रीतीथेन्द्र ,, यवास , कल्याण जलधिशेष उद्योतक दृढ़प्रहार प्रकाशित १४ श्रीधर्माधीश, मनोहर |मंडलेश विद्योद्युति तमीपेक्ष दयोनीति । (अधमन) १५ श्रीधारणश |, शुभकर्म शमहाघसु मधुनाथ अम्बरीष (अतीतदेष) १६ श्रीप्रभवदेव 1, दृष्ट पेवक ,, तेजोदयेन्दु भावित मरुदेव तुंवरनाथ (कृमतिकृच्छ)। १७ श्रीअनादिदेवा,कमलेन्द्र दिव्यजोति वत्सल दममाय सर्वशील (दुर्दरीक) (दमयुक) १८ श्रीअनाधिप |, धर्मध्वज 1. प्रबोधजयति जिनालय वषभस्वामिन प्रतिजातक ६, सर्वतीर्थार्थ ,, प्रस्वादनाथ ,, अभयंक तुषारिक शिलातन जितेन्द्रिय १२० ., निरुपमदेव ,, प्रभामृगांका , नमितेश भुवनेश विश्वनाथ तपादित्य (निधिचन्द्र) (२१ , कुमारिक ,, अकलङ्क ,दिव्यस्फारक सुकामुक महेन्द्रसनक रलकिरण | (मृगांक) ३२., विहारगृह |.. स्फटिकप्तम,, ब्रतेन्द्रस्वामि देवाधिदेव नन्दसहस्राधि दिवेश (विग्रह) (ज़िमचन्द्र २३ , धारणेश्वर, गणेन्द्र . निधिनाथ अकारिमदेव तमोनिम || लांछनेश (गजेन्द्र) विकाशदेव, ध्यानेन्द्र 1., निर्मकदेव विनीत । ब्रह्मधारण |(पिकालन)। | (त्रिकर्मक) । (विवंक)। सुग्रीव सुमेरु Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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