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अंजना।
( २१५ ) अंजनवर
वृहत् जैन शब्दार्णव अंजनवर, ('अञ्जनक)-मध्य लोक, के |
स्कारित हो कर गर्भावस्था में ६ मास से असंख्यात द्वीप समुद्रों में से स्वयम्भूरमण
अधिक बनवास के अनेक कष्ट सहन किये।
बन ही में इस के गर्भ से वीर हनुमान का नामक अन्तिम समुद्र से पूर्व का १२ वां
शुभ मुहूर्त में जन्म हुआ जिसका नामसमुद्र और इसी नाम के अन्तिम द्वीप से
करण संस्कार और कुछ समय तक पाल-| पूर्व का १२ वां द्वीप। अञ्जनवर द्वीप में किन्नर कुल के व्यन्तर
म पोषण अञ्जना के मातुल प्रतिसूर्य के | देषों के इन्द्रों के नगर है। किन्नर कुल के
यहां हुआ। दो इन्द्र 'किम्पुरुषन्द्र' और 'किन्नरेन्द्र' हैं।
(पद्मपुराण पर्व १५-१६) इन में से पहिले इन्द्र के (५), किम्पुरुषपुर
'नोट१-अंजनी के पुत्र “वीरहनुमान" (२) किम्पुरुष प्रभ (३) किम्पुरुषकान्त का जन्म अब से लगभग १० लाख वर्ष पूर्व, (४) किम्पुरुषावर्त्त (५) किम्पुरुषमध्य, यह शुभ मि. वैशाख कृ.८ (गुजराती चैत्र कृ.८) ५ नगर दक्षिण दिशा में हैं और दूसरे |
ाि दिशा में हैं और दसरे | शनिवार, श्रवण नक्षत्र-चतुर्थ चरण, ब्रह्मयोग, इन्द्र के (१) किन्नरपुर (२) किन्नरप्रभ (३)
लग्न मीन में इष्ट ५६।१५ (५६ घड़ी १५ पल) किन्नरकान्त (४) किन्नरावर्त (५) किन्नर
पर रात्रि के अन्तिम भाग में हुआ था जिस मध्य, यह ५ उत्तर दिशा में हैं । की जन्म कुंडली यह है:-- (त्रि. गा. ३०५,२८३,२८४ )
१ सू०/ अंजना ( अञ्जनी)-(१) रामभक्त प्रसिद्ध वीर हनुमान की माता।
(१२बु०शु०श०१०चं०|| यह आदित्यपुर के एक वानरबंशी राजा 'प्रहलाद' के वीर पुत्र “पवनञ्जय" की स्त्री और महेन्द्रपुराधीश राजा महेन्द्र की पुत्री थी । राजकुमार प्रसन्नकीर्ति | ४ वृ० इस का भ्राता और हनु नरेश प्रतिसूर्य इस का मातुल (मामा) था । 'हृदय वेगा' इस की माता का नाम और 'केतुमती' इस की श्वश्रू ( सास ) का । नोट२-वाल्मीकीय रामायण के लेखानाम था।
नुसार 'अञ्जना' एक 'पुंजकस्थला' नामक इस ने पूर्व जन्म के एक अशुभ कर्म | अप्सरा ( स्वर्ग घेश्या ) थी जो 'केशरि' के उदय से विवाह होते ही २२ वर्ष तक | नामक एक तपस्वी कपिराज (वानर पति) पति के निरादर और पतिवियोग का की पत्नी हो कर 'अञ्जना' नाम से प्रसिद्ध निरपराध महान कष्ट सहन किया और हुई । एक दिन अपने रूप के अहंकारवश फिर पति संयोग होने पर पति की अनुप- | ऋषि के शाप से यह पशुजाति की कुरूपा स्थिति में श्वसुर और श्वन से तिर-| वामरी होगई । फिर प्रार्थना करने पर ऋषि
मं.
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