Book Title: Hindi Sahitya Abhidhan 1st Avayav Bruhat Jain Shabdarnav Part 01
Author(s): B L Jain
Publisher: B L Jain

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Page 328
________________ अढाईद्वीप पाठ क्रमसं० २. ३. ४. ( २६४. ) बृहत् जैन शब्दार्णव कोष्ठ नं० २ । अढ़ाई द्वीप के पांचों मेरु सम्बन्धी ५ विदेह क्षेत्रों के १६० विदेह देशों में विद्यमान २० तीर्थंकर 1 ७. ८. नामतीर्थकर लक्षणया चिन्ह सुबाहु ५. संयातक ६. स्वयंप्रभ सीमन्धर वृष युग मन्धर बाहु • गज ऋषभानन हरि अनन्तवीर्य १५ बज्रघर १२. चन्द्रानन १३. चन्द्रबाहु मृग कपि रवि शशि Jain Education International ह. सूरप्रभ सू १०. विशाल कीर्ति चन्द्र शंख गज वृषभ पद्म चन्द्र रवि कमल 39 सुदर्शनमेरु सीतानदी के उत्तर सत्या दक्षिण सुतारा सीतोदानदी के दक्षिण विजया " 99 " 59 " " सुसीमा उत्तर सुनन्दा निशिढिल | अयोध्या विजयमेरु सीता नदी के उत्तर देवसेना देवसेन अलकापुरी " सीतानदी के दक्षिण सुमङ्गला मित्रभूत विजयानगर सीतोदा के दक्षिण धीरसेना कीर्त्तिराज सुसीमा अयोध्या मेघराय नागराज विजयपुरी भद्रा दक्षिण विजया | विजयपति पुंडरीकपुर सीतोदा के दक्षिण सरस्वती पद्मार्थ सुसीमा उत्तरपद्मावती वाल्मीकि पुंडरीकिनी मंदर मेरु सीतानदी के उत्तर रेणुका देवनन्दि विनीता (अयोध्या) विजयानगर सुसीमा अयोध्या 39 99 अचलमेरु सीता नदी के उत्तर स्थान ور "" 39 7 १४. भुजङ्गप्रभ १५. ईश्वर १६. नेमीश्वर वृष १७. वीरसेन ऐरावत विद्युन्मालीमेरु सीताके उत्तर १८. महान शशि १६. देवयश स्वस्तिक २०. अजितवीर्य " " • de• " 99 دو , सीतोदानदी के दक्षिण ज्वाला " 99 " 75 " " उत्तर मङ्गला माता सूर्या दक्षिण उमादे सीतोदानदी के दक्षिण गङ्गा उत्तर कनका " "" दक्षिण महिमा महाबल गलसेन उत्तर सेना वीरषेण SHARE TO MINGPO अढाईद्वीप पाठ For Personal & Private Use Only पिता श्रेयांस दृढ़राज सुग्रीव जन्म नगरी पुंडरीकपुर विजयवती पृथ्वीपाल पुंडरीकिनी देवराज विजयनगर अवभूत सुसीमा सुबोध अयोध्या www.jainelibrary.org

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