Book Title: Hindi Sahitya Abhidhan 1st Avayav Bruhat Jain Shabdarnav Part 01
Author(s): B L Jain
Publisher: B L Jain

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Page 308
________________ ( २४४ ) वृहत् जैन शब्दार्णव अठारह नाते अवधिज्ञानीमुनि से पूछे तो मुनिने इनके पूर्व जन्म के चरित्र सहित सारा यथार्थ वृतान्त उसे बता दिया जिसे सविस्तार सुन कर 'कमला' को तुरन्त जाति-स्मरण हो गया अर्थात् उसे अपनी इस जन्म और पूर्व जन्म की सारी बातें स्वयम् भी स्मरण हो आई । [ पूर्व जन्म का चरित्र जानने के लिये पीछे देखो शब्द "अग्निभूति (५)” पृष्ठ ६३ ] पश्चात् 'कमला' 'उज्जयनी' गई और 'बसन्ततिलका' वेश्या के महल में पहुँची जहां वरुण पालने में झूल रहा था । कमला उसके पास बैठ कर उसे झुलाती हुई कहने लगी :-. ३. धनदेव मेरा और तुम्हारा दौनों का पति है । अतः तुम मेरी सौतिन हो । ४. तुम मेरे पति धनदेव की माता हो । अतः तुम मेरी भी हो । सासू हे बालक तेरे साथ मेरे छह नाते हैं१. घनदेव मेरा पति है । उसका तू पुत्र है । अतः तू मेरा भी है । पुत्र २. धनदेव मेरा भाई है । उसका तू पुत्र है । अतः मेरा भतीजा है । ५. धनदेव सौतिन का पुत्र होने से मेरा सौतीला पुत्र है और तुम उसकी स्त्री हो । अतः तुम मेरी पुत्रवधू भी हो । ३. बसन्ततिलका तेरी और मेरी दौनों की ६. धनदेव तुम्हारा पति है और मैं तुम्हारे माता है । अतः तू मेरा भाई है। 1 गर्भ से जन्मी हूं । अतः धनदेव मेरा पिता है और तुम धनदेव की माता भी हो। इस लिये तुम मेरी दादी भी हो । कमला बसन्ततिलका से इतना कह कर धनदेव से भी कहने लगी कि आपके साथ भी मेरे ६ ही नाते हैं, सो सुनिये :१. आपके साथ मेरा विवाह हुआ है । अतः आप मेरे पति हैं । ४. बसन्ततिलका तेरी और धनदेव की माता होने से तू धनदेव का छोटा भाई है और धनदेव मेरा पति है | अतः पति का छोटा भाई होने से तू मेरा देवर है । ५ बसन्ततिलका मेरी माता है । धनदेव उस का पति है, अतः धनदेव मेरा प्रिता है । तू धनदेव का छोटा भाई है । अतः तू मेरा चचा (काका) है । अठारह नाते / बसन्ततिलका ने जब कमला को 'वरुण' से इसप्रकार कहते हुए सुना तो कमला के पास आकर उससे पूछने लगी कि तू कौन है जो मेरे पुत्र से इस प्रकार ६ नाते प्रकट कर रही है। तब कमला बोली कि सुनो तुम्हारे साथ भी मेरे ६ ही नाते हैं : १. मैं धमदेव के साथ तुम्हारे ही उदर से जन्मी हूं । अतः तुम मेरी माता हो । २. धनदेव मेरा भाई है । तुम मेरे भाई घनदेव की स्त्री हो । अतः तुम मेरी भावज (भौजाई ) हो । Jain Education International २. आप और मैं दोनों एक ही माता के उदर से जन्मे हैं । अतः आप मेरे भाई हैं । ३. मेरी माता वसन्ततिलका के आप पति हैं। अतः आप मेरे पिता भी हैं। ६. बसन्ततिलका और मैं दोनों ही धनदेव कत्र होने से बसन्ततिलका मेरी सौतिन है । धनदेव सौतिन का पुत्र होने से मेरा भी पुत्र है अतः तू मेरे पुत्रका पुत्र होने से | ४. आप मेरे और बसन्ततिलका दोनों के मेरा पोता भी है । पति हैं | और आप बसन्ततिलका के पुत्र 1 For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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