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( २२१ ) अट्ठमत वृहत् जैन शब्दार्णव
अट्ठाईस अनुमानाभास पाने के उपलक्ष में २५ ग्रामों को एक बड़ी हैं। इस अनुमानाभास के निम्न लिखित जागीर मिली थी।
५ मूल भेद और २८ उत्तर भेद हैं:(६) यह कवि 'अर्हत्कवि' और 'अर्ह- १. पक्षाभास ७--(१) अनिष्ट पक्षादास' नामों से भी प्रसिद्ध था।
भास (२) सिद्ध पक्षाभास (३) प्रत्यक्ष(७) कनड़ी भाषा का 'अठमत' | वाधित पक्षाभास (४) अनुमान बाधितनामक एक प्रसिद्ध ज्योतिष प्रन्थ इसी पक्षाभास (५) आगमवाधित पक्षाभास कवि का बनाया हुआ है । यह समग्र नहीं (६) लोकवाधित पक्षाभास (७) स्ववचनमिलता। इसके उपलब्ध भाग में निम्न वाधित पक्षामास । लिखित विषय हैं :--
२. हेत्वाभास ११--(१) स्वरूपासिद्ध • १. वर्षा के चिन्ह, ३. आकस्मिक ल- या असतसत्तासिद्ध हेत्वाभास (२) सन्दि- 1 क्षण, ३. शकुन, ४. वायुचक्र, ५: मो ग्धासिद्ध या अनिश्चितसत्तासिद्ध हेत्वाप्रवेश, ६. भूकम्प, ७. भूजातफल, ८. उ- भास (३) विरुद्हेत्वाभास (४) निश्चित त्यातलक्षण, ६. परिवेशलक्षण, १० इन्द्र- विपक्षवृत्ति अनैकान्तिक हेत्वाभाल (५) धनुषलक्षण, ११. प्रथमगर्भ लक्षण, १२. शङ्कित विपक्षवृत्ति अनैकान्तिकहेत्वाभास द्रोणसंख्या, १३. विद्यु त लक्षण, १४. प्रति (६) सिद्धसाधन अकिञ्चित्कर हेत्वाभास सूर्य लक्षण, १५. सम्वत् सर फल, १६. (७) प्रत्यक्षवाधित विषय अकिञ्चित्कर ग्रहद्वेष, १७. मेघों के नाम कुल/वर्ण, १८. हेत्वाभास (E) अनुमान वाधित विषय ध्वनि विचार, १९. देशवृष्टि, २०. मास अकिञ्चित्कर हेत्वाभास (8) आगम फल, २१ राहुबक, २२. नक्षत्रफल, २३. पाधित विषय अकिञ्चित्कर हेत्वाभास संक्रान्तिफल, इत्यादि । (देखो प्र० 'वृ० | (१०) लोकवाधित विषय अकिञ्चित्कर वि० च०')
(क० ६०) हेत्वामास (११) स्ववचनवाधित विषय अट्ठमत- अट्ठ कवि रचित कनड़ी
अकिञ्चित्कर हेत्वाभास। भाषा का एक ज्योतिष ग्रन्थ । (ऊपर
३. अन्वय दृष्टान्ताभास ४--
(१) साध्य विकल अन्यय दृष्टान्ताभास देखो शब्द 'अट्ठकवि' )॥
(२)-साधन विकल-अन्वय दृष्टान्ताभास अट्ठाइस-अनुमानाभास-अनुमान
(३) उभय चिकल अन्धय दृष्टान्ताभास प्रमाण सम्बन्धी ३८ प्रकार के दोष ।। (४) विपरीत या अतिप्रसंग अन्वय दृष्टा. ___ यथार्थ न होने पर भी जो यथार्थ स- म्तामास । रीखा जान पड़े उसे न्याय की परिभाषा ४. व्यतिरेक दृष्टान्ताभास ४-- में आभास ( झलक, प्रतिबिम्ब, तुल्यता, (१) साध्य विकल व्यतिरेक दृष्टान्ताभास सदृशता ) कहते हैं। यह आभास जब (२) साधन विकल व्यतिरेक दृष्टान्ताभास अनुमान प्रमाण के किसी एक या अधिक (६) उभय विकल व्यतिरेक दृष्टान्ताभास अवयवों में हो अथवा उसके प्रयोग में हो । (४) विपरीत या अतिप्रसङ्ग व्यतिरेकदृष्टातो उस आभास को 'अनुमानाभास' कहते न्ताभास।
दस
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