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पहुँचे। कमाल को प्रणाम किया। कुछ देर इधर-उधर की चर्चा हुई। काशी नरेश ने धीरे से अपनी जेब में हाथ डाला। एक हीरा निकाला और कहा, 'आप इस हीरे को स्वीकार कीजिए।' मन में तो वह भी सोच रहे थे कि यह फकीर है जरूर ही इंकार कर देंगे। उन्होंने कमाल की परीक्षा लेनी चाही कि अगर यह हीरा ले लेता है तो साधु नहीं है और इंकार कर देता है तो साधु है। उसने हीरा स्वीकार किया तो संसारी, अन्यथा साधु मान लूँगा। उन्होंने कमाल को हीरा दिखाया। कमाल ने देखा और मुस्कराकर कहा, इसे झोंपड़ी के छप्पर में डाल दो। नरेश ने सोचा कि कबीर ठीक ही कह रहे थे। यह साधुत्व से गिर गया है, इसने तो एक बार भी इंकार न किया। हीरा देखते ही मन लालायित हो गया और कह दिया कि छप्पर में डाल दो। मेरे जाने के बाद यह हीरा छप्पर में से निकाल लेगा। हीरा सामने हो तो किसका मन न डोल जाएगा। खैर! ___काशी नरेश ने बड़े दुखते मन से वह हीरा झोंपड़ी के छप्पर में डाल दिया और कमाल को बिना प्रणाम किये वहाँ से रवाना हो गए। नरेश चले गए, कमाल अपनी साधना में लीन हो गए। लगभग एक वर्ष बाद पुन: काशी नरेश को ख्याल आया कि अब देखें कमाल का क्या हालचाल है। विचार उठने लगे- कमाल ने हीरा बेचकर लाखों रुपये कमाए होंगे। झोंपड़ी से महल बना लिया होगा। हो सकता है साधुजीवन छोड़कर गृहस्थ में आ गया हो। पता तो करें कि वह क्या कर रहा है? ___ काशी नरेश कमाल के यहाँ पहुँचे। पर वहाँ कोई महल न था, कुटिया वैसी की वैसी थी। उन्होंने कुटिया में प्रवेश किया, देखा कमाल तो वहीं बैठा है। नरेश ने पूछा, 'कमाल साहब! वह हीरा कहाँ है?' कमाल ने कहा, कौन-सा हीरा? कैसा हीरा?' काशी नरेश ने कहा, 'जो मैं झोंपड़ी के छप्पर में डाल गया था वह हीरा।' कमाल ने उत्तर दिया, फिर मुझसे क्या पूछते हैं, जहाँ पर रखा था, वहीं पर ढूँढिये।' काशी नरेश ने जब छप्पर हटाया तो देखा हीरा वहीं पड़ा था जहाँ वह रखकर गया था। ___ काशी नरेश ने अपने कान पकड़ लिए और बोले, 'कमाल, तुम तो सच में कमाल के संत हो। तुम्हारे अन्तस् का राग भी गिर गया है, विराग भी गिर गया है, तुम तो वीतरागता को उपलब्ध होकर धरती पर जी रहे हो।'
यह ध्यान भी तुम्हारे जीवन में वीतरागता की ही उपलबिध कराएगा। यह न तो राग देगा और न विराग, यह जीवन में ऐसी धारा प्रवाहित करेगा कि तुम ही वीतरागता को उपलब्ध होकर धरती पर जी रहे हो। __ महावीर का मार्ग न राग का है, न विराग का। उनका मार्ग न घृणा का है, न द्वेष का। उनका मार्ग वीतरागता का है। यदि तुम वीतरागता को उपलब्ध हो रहे हो तो तुम
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