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अवसर आया है, चीन का सम्राट तुम्हें प्रधानमंत्री बनाना चाहता है। यह असंभव कार्य संभव हो रहा है, तुम तैयार हो जाओ। लाओत्से हँसे, कहने लगे, सेनापति ! सम्राट से जाकर कह दो कि लाओत्से जीवन की तलाश में निकला है मृत्यु की नहीं। जिस दिन उसकी मृत्यु की इच्छा हो जाएगी, वह खुद ही तुम्हारे राजमहल में पहँच जाएगा।
हमारे साथ भी यही घटित हो रहा है, तलाश तो हम जीवन की कर रहे हैं। हमारे भीतर भावनाएँ जीवन की हैं, पर हमारे कदम निरंतर मृत्यु की ओर बढ़ते चले जा रहे हैं, देह जर्जर हो रही है। क्षण-प्रतिक्षण मृत्यु की ओर जा रहे हैं। आज तक कोई भी वह तारीख नहीं बता पाया, जब उसके सिर के बाल सफेद हो गए। उसकी कमर झुक गयी, दाँत टूट गये, झुर्रियाँ पड़ गईं, कोई नहीं बता सकता यह सब कब और कैसे हुआ। बस हो गया। तुम्हारी उम्र चुक रही है। कल तुम बच्चे थे, आज युवा हो गए हो, कल वृद्ध हो जाओगे लेकिन किसी भी दिन इस परिवर्तन को नहीं जान पाओगे। मनुष्य रोज अपना चेहरा आइने में देखता है फिर भी यह बोध नहीं होता कि मेरी देह, मेरा चेहरा,क्षण-प्रतिक्षण जर्जर होता जा रहा है।
समय स्थिर नहीं रहता। जवानी बुढ़ापे में बदल जाती है। ज़वानी कभी लौटकर नहीं आती और आया हुआ बुढ़ापा कभी छूटकर नहीं जाता। कभी तुम दस वर्ष के थे आज सत्तर वर्ष के हो लेकिन अब भी अबोध हो, देखते हो, एक पचास वर्ष का व्यक्ति अपने बेटे का बचाव करते हए कहता है यह अबोध है, गलती हो गई। पर पता है, कौन अधिक अ-बोध है? मैं आपसे यही कहना चाहता हूँ हम चाहे जो करें पर बोध के साथ करें, जागरूकता के साथ करें।
जागरूकता के साथ कदम बढ़ाने पर भीतर से हम पूरी तरह से निर्लिप्त रहेंगे। कर्म करते जाओ लेकिन कर्त्तव्य-भाव से दूर रहो। कर्ता-भाव से अलग रहो। जीवन में जो कुछ आ रहा है पीछे लौटने को है। प्रत्येक वर्तमान अतीत में बदल जाता है, आज कल में ढल रहा है, जब प्रत्येक क्षण पीछे छूट रहा है, तब जरा सोचो, जीवन में बोध और जागरूकता के भाव कैसे उत्पन्न हों ! जो आया है सब पीछे जा रहा है, कुछ भी तुम्हारे पास स्थाई रूप से नहीं बचा है। हर घड़ी बीतती जा रही है। अगर मनुष्य ईमानदारी से जान जाए कि मुझे जो कुछ मिला है वह सब छूट रहा है, समाप्त हो रहा है तो वह कभी कर्त्तव्य-भाव में जीने का प्रयास नहीं करेगा। हमेशा साक्षी-भाव में जीएगा।
कर्म करना धर्म है, लेकिन मैं और मेरा जोडना जीवन को अहंकार से भी लेना है, स्वार्थपरक हो जाना है। इन दोनों को छोड़ देने पर जीवन में जो भी घटित होगा
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